श्रीकृष्ण-सुदामा का मिलन समाज के लिए प्रेरणास्रोत

Update: 2023-03-01 07:18 GMT

दरभंगा न्यूज़: सिद्ध विद्यापीठ गलमा धाम में महाशिवरात्रि के दिन से शुरू शतचंडी महायज्ञ, रुद्राभिषेक, श्रीमद्भागवत कथा, भजन-कीर्तन आदि के आयोजनों से क्षेत्र में भक्ति की धारा बह रही है.

सातवें दिन द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में रुद्राभिषेक के बाद महायज्ञ वेदी में हवन की आहुतियों तथा वैदिक मंत्रोच्चार से क्षेत्र का वातावरण सुवासित होने लगा. सायंकाल में श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पं. सुकदेवानंद नाथ ने श्रीकृष्ण-सुदामा के मिलन पर विस्तृत प्रकाश डाला. विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष तथा महायज्ञ के आयोजक पं. जीवेश्वर मिश्र ने कहा कि श्रीकृष्ण सुदामा का मिलन सनातन संस्कृति को समतामूलक समाज के निर्माण के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा. कार्यक्रम में पेरिस से पहुंची साध्वी आत्मप्रिया, योगाचार्या बबीता कुमारी, पं. प्राणेश्वर मिश्र, पं. रौशन पाठक, साधक बिनोद बाबा, अनिल गिरि, मायेर मित्र मंडली, तपेश्वर सिंह, रवींद्र कुमार सिंह सहित दर्जनों धर्मानुरागी उपस्थित थे.

रामपुर उदय में बह रही भक्ति की धारा

भगवान कहते हैं कि ज्ञान के साथ यदि भक्ति न हो तो वह ज्ञानी मुझे अच्छा नहीं लगता है क्योंकि ज्ञानी को ज्ञान का घमंड होना मुझे पसंद नहीं है. ये बातें रामपुर उदय गांव में श्री लक्ष्मीनारायण सह महादेव परिवार मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पूर्णाहुति यज्ञ के बाद लगमा कुटी के ब्रह्मचारी बाबा ने कही. उन्होंने कहा कि शास्त्रत्त् कहता है ‘विद्या ददाति विनयम’.

अर्थात कोई व्यक्ति अपने जीवन में भले ही बहुत धन और ज्ञान अर्जित कर ले, लेकिन भक्ति व नम्रता नहीं है तो वह शुष्क ज्ञान परमात्मा को नहीं भाता है. भगवान स्तुति व प्रार्थना से ज्यादा भक्त के भाव के भूखे होते हैं. मौके पर प्रदीप झा, मदन झा, अमित झा, सतीश झा, अविनाश झा, चंद्रकांत झा, कुंवरकांत झा और गौरीशंकर झा आदि थे.

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