कस्तूरबा बालिका विद्यालय में हुए दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया
आठवीं पास छात्राओं को बैग, बोतल, प्रकाल बॉक्स, कॉपी, कलम, डायरी एवं छाता दिया गया
गया: सिमरी स्थित आवासीय कस्तूरबा बालिका विद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में कई मेधावी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया.
एचएम चन्देश्वर महतो एवं वार्डेन गुड्डी रानी की संयुक्त अध्यक्षता में दीक्षांत सह विदाई समारोह के दौरान छात्राओं ने एक से बढ़कर एक कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. कस्तूरबा गांधी व ज्योतिराव फूले के जन्म दिवस पर उनके तैलचित्र पर मानवाधिकार कार्यकर्ता मनोहर कुमार झा, जिला पार्षद ओमप्रकाश ठाकुर, अभिभावक बैद्यनाथ मिश्र बच्चन आदि ने माल्यार्पण किया. आठवीं पास छात्राओं को बैग, बोतल, प्रकाल बॉक्स, कॉपी, कलम, डायरी एवं छाता दिया गया. साथ ही बच्चियों को आगे पठन-पाठन में मिलने वाले सरकारी सहयोग के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया गया. संविधान गीत, झिझिया, जट-जटिन नृत्य एवं गीत ने लोगों का मन मोह लिया. मौके पर वार्ड सदस्य लाडली खातून, मो. फूलबाबू, अभिमन्यु कुमार ठाकुर, अशोक कुमार, आरती कुमारी, कुमारी मिन्ता, रीना कुमारी, सीमा कुमारी मौजूद थी.
डीसी विपत्र 24 घंटे में जमा करने का निर्देश: जिले के विभिन्न कोटि के सरकारी विद्यालयों को वित्तीय वर्ष 2023- 24 में परिभ्रमण मद में शिक्षा विभाग की योजना एवं लेखा संभाग से राशि उपलब्ध कराई गई थी. इनमें से 64 विद्यालयों ने डीसी विपत्र योजना एवं लेखा संभाग को उपलब्ध करा दिया है. योजना एवं लेखा संभाग डीपीओ नवीन कुमार ठाकुर ने डीईओ समर बहादुर सिंह से अनुरोध किया है कि जिन विद्यालयों ने डीसी विपत्र उपलब्ध करा दिया है उन स्कूल प्रधानों का लंबित स्थगित वेतन जारी किया जाए. इधर, 46 स्कूल प्रधानों ने अब तक डीसी विपत्र जमा नहीं किया है. उनसे विभिन्न संचार माध्यमों से संभाग डीसी विपत्र मांग रहा है. यहां तक कि कई महीनों के वेतन पर भी रोक लगा दी गयी है. बावजूद इसके संबंधित स्कूल प्रधान परिभ्रमण मद का डीसी विपत्र उपलब्ध कराना भूले हुए हैं.
योजना एवं लेखा संभाग डीपीओ श्री ठाकुर ने इन स्कूल प्रधानों को अंतिम मौका देते हुए निर्देशित किया है कि 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण के साथ लंबित डीसी विपत्र त्रुटि निराकरण के लिए कार्यालय में उपस्थित कराना सुनिश्चित करें. इसमें अनदेखी एवं अभिरुचि नहीं लेने वाले स्कूल प्रधानों के विरुद्ध कार्य में लापरवाही, विभागीय कार्य के निपटारे में असहयोग एवं वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारी को अनुशंसा कर दी जाएगी.