बक्सर न्यूज़: बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर नामी-गिरामी कंपनियों में रोजगार दिलाने के उद्देश्य से श्रम संसाधन विभाग ने हर जिले में एक-एक मेगा स्किल केंद्र खोलने का निर्णय लिया है. इस केंद्र को विभिन्न कंपनियों के सहयोग से खोला जाएगा. यहां कंपनियों की ओर से बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण पूरा होने पर वे अपनी कंपनी में रोजगार भी देंगे. स्किल केंद्र खोलने को लेकर श्रम संसाधन विभाग ने विश्व बैंक, ब्रिटिश काउंसिल, टीसीएस, डब्ल्यूएससी, नेस्कॉम, बार्बीक्यू नेशन, वी-मार्ट, जोमैटो, रिलायंस जिओ के प्रतिनिधियों के साथ विमर्श किया.
शहर के एक होटल में आयोजित कार्यशाला में तय हुआ कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के आधा दर्जन जिलों में मेगा स्किल केंद्र खोले जाएंगे. कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्रम संसाधन मंत्री सुरेन्द्र राम ने कहा कि बाजार में स्किल्ड श्रम की मांग बढ़ रही है. इसको ध्यान में रखकर सात निश्चय-2 के तहत बिहार के सभी जिलों में मेगा कौशल केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. पायलट परियोजना के तौर पर कुछ जिलों में केंद्र खोले जाएंगे.
विश्व बैंक से मदद का अनुरोध श्रम संसाधन के प्रधान सचिव डॉ. बी राजेन्दर ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को हुनर, आत्मविश्वास और रोजगार से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. विश्व बैंक से आग्रह किया कि वह कौशल विकास के लिए वित्तीय सहायता करे, जिससे बिहार के युवाओं का कौशल उन्नयन करने में मदद मिल सके. केंद्र के माध्यम से बहुपयोगी कोर्स से प्रदेश के युवाओं को लैस करना है ताकि इसके जरिए वे अपने सपनों को साकार कर सकें.
मेगा स्किल सेंटर की स्थापना सीएम का विजन
विशेष सचिव-सह-अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि बिहार में मेगा स्किल सेंटर की स्थापना मुख्यमंत्री का विजन है. युवाओं को आधुनिक स्किल से लैस करना सरकार का लक्ष्य है. बैठक में विशेष सचिव आलोक कुमार, निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण श्याम बिहारी मीणा, बिहार कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक संजय कुमार, मिशन मैनेजर संजीव रंजन नीलमणि, अतुल सुमन, भावना वर्मा आदि उपस्थित थे.