प्रशासन हुई सख्त तो रुक गया नाबालिगों का विवाह

Update: 2023-02-25 13:14 GMT

कटिहार न्यूज़: बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ शहर के साथ-साथ गांव के लोग भी काफी जागरूक हो गए है.बाल विवाह के खिलाफ अब खुलकर आवाज उठने लगी है. इसकी बानगी उस समय देखने को मिली, जब नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के एक कार्यकर्ता की सूचना पर कटिहार जिले के आजमनगर पुलिस थाना इलाके में एक 15 साल की नाबालिग का विवाह रुकवाया गया. विवाह को रुकवाने में सबसे खास बात यह रही कि खुद गांव वाले इस बात पर अड़ गए कि बाल विवाह नहीं होने देंगे. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के एक कार्यकर्ता को यहां 15 साल की लड़की का विवाह 16 साल के लड़के के साथ किए जाने की सूचना मिली थी. लड़का अपने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कुछ दिन पहले ही लड़की वालों के यहां आ चुका था और अगर कार्रवाई करने में थोड़ी भी देर होती तो बाल विवाह हो चुका होता.

लड़का और लड़की की मां विवाह को तैयार हालांकि स्थिति उस समय और बिगड़ गई, जब लड़का विवाह करने पर अड़ गया और लड़की की मां भी उसके समर्थन में आ गई. लड़की की मां का कहना था कि वह गरीब लोग हैं और रिश्तेदारी में ही विवाह कर रहे हैं. आप लोग इसे हो जाने दीजिए. इस पर गांव वालों ने लड़की की मां को समझाया कि जब तक लड़की 18 साल की न हो जाए तब तक उसकी शादी न करें. महिला मुखिया ने भी मां को समझाने की कोशिश की थी.

दस-दस हजार रुपये का भरवाया गया बांड

एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने दोनों पक्षों के परिवारों को भी थाने बुलाकर समझाया. पुलिस ने दोनों पक्षों को हिदायत दी कि वे बच्चों का बाल विवाह नहीं करेंगे और उनसे दस-दस हजार रुपए का बांड भी भरवाया कि वे भविष्य में भी बच्चों के बाल विवाह का प्रयास नहीं करेंगे. इसके बाद सभी को जाने दिया गया. इस तरह एक मासूम बच्ची ‘बालिका वधु’ बनने से बच गई. एसडीओ राजेश्वरी पांडेय ने बताया कि की रात सूचना मिली थी कि कम उम्र की लड़की की शादी हो रही है.

बाल विवाह के खिलाफ प्रशासन सख्त है. शादी शुरू होने के कुछ देर पहले सूचना मिली थी. प्रशासन न सिर्फ सख्ती बल्कि दोनों तरफ के परिजनों को बिठाकर समझाकर शादी को रुकवाता है. बाल विवाह की सूचना पर कटिहार जिला प्रशासन त्वरित कार्रवाई करता है. -उदयन मिश्रा, जिलाधिकारी

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