कई दिग्गजों ने संसद में मुंगेर लोक सभा क्षेत्र का किया प्रतिनिधित्व

Update: 2023-09-22 09:58 GMT
बिहार |  देश की संसद भवन में राष्ट्रीय स्तर के समाजवादी नेता मधुलिमये(महाराष्ट्र) ने जहां मुंगेर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वहीं वर्तमान सांसद एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. मुंगेर के सांसदों ने पुराने संसद भवन में जिस तरह क्षेत्र के विकास के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर आवाज उठायी, उसी तरह नये संसद भवन में भी यह क्रम जारी रहेगा.
मुंगेर लोकसभा सीट पर शुरू से ही दिग्जजों की नजर रही है.
1964 में महाराष्ट्र के प्रखर समाजवादी नेता मधुलिमये को सोशलिस्ट पार्टी ने मुंगेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया. वह 1964 एवं 1967 में चुनाव जीतकर संसद में मुंगेर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 1973 के चुनाव में भी मधुलिमये यहां से चुनाव लड़े लेकिन उस समय के युवा नेता डीपी यादव को कांग्रेस ने उनके खिलाफ उतारा. डीपी यादव ने मधुलिमये को हराकर देशभर के नेताओं का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया. उन्हें केन्द्रीय उप शिक्षा मंत्री बनाया गया.
1952 में थे चार लोकसभा क्षेत्र 1952में हुए पहले लोकसभा चुनाव के दौरान मुंगेर जिले में चार लोकसभा सभा सीट थे. मुंगेर नार्थ-वेस्ट से सुरेश चंद्र मिश्र, मुंगेर साउथ-ईष्ट से मथुरा प्रसाद, मुंगेर सदर सह जमुई एससी से नयन तारा दास, एवं मुंगेर सदर सह जमुई जनरल से बनारसी प्रसाद सिन्हा (सभी कांग्रेस) सांसद चुने गये थे. 1957 में दो लोकसभा सीट काट दिए गये. इसके बाद से एक लोकसभी सीट के लिए चुनाव होने लगा. नए परिसीमन में पटना जिले तक पहुंची लोस की सीमा 2009 में परिसीमन के बाद मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट को शामिल किया गया. इसकी सीमा मुंगेर के अलावा लखीसराय, पटना जिले तक फैली है. मुंगेर लोकसभा सीट से 1952 से 1984 तक कांग्रेस का दबदबा रहा. इसके बाद अलग-अलग पार्टियों सांसद बने. डीपी यादव एवं ब्रह्मानंद मंडल ने तीन-तीन बार मुंगेर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व संसद में किया.
मुंगेर की पहली महिला सांसद बनी वीणा देवी मुंगेर संसदीय क्षेत्र से एक मात्र महिला वीणा देवी सांसद बनी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए से लोजपा की प्रत्याशी वीणा देवी जीतकर पहली बार मुंगेर की महिला सांसद बनी. उन्होंने जदयू े के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पराजित किया था.
रेलपुल के लिए आमरण अनशन पूर्व सांसद ब्रह्मानंद मंडल ने मुंगेर गंगानदी पर रेल पुल के लिए लगातार आंदोलन चलाते रहे. उन्होंने रेल पुल के लिए मुंगेर में 21 दिनों तक आमरण अनशन किया. इसके बाद सरकार पर इसका असर हुआ और वर्तमान में जिले को रेल सह सड़क पुल की सौगात मिली.
देश के दूसरे वानिकी कॉलेज की स्थापना
वर्तमान सांसद एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के प्रयास से मंगेर में इंजीनियरिंग कॉलेज, देश के दूसरे वानिकी कॉलेज, पालिटेक्निक कॉलेज की स्थापना हुई है. इससे मुंगेर शिक्षा का हब बनने की ओर अग्रसर है. सांसद के प्रयास से डकरानाला सिंचाई परियोजना के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू किया जा रहा है. इसके अलावा सतघरावा सिंचाई एवं अन्य योजना पर काम चल रहा है.
मुंगेर में कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई
पूर्व सांसद स्व. डीपी यादव ने मुंगेर में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना कराने के साथ केन्द्रीय विद्यालय खुलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. सिंचाई के लिए डकरानाला सिंचाई परियोजना शुरू कराया. इसके बाद यहां केवीके की स्थापना की गई.
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