बंपर कमाई का जरिया है मखाना की खेती, जानिए तरीका

Update: 2023-08-21 17:00 GMT
बिहार: मिथिलांचल का क्षेत्र तीन चीजों पान, माछ (मछली) और मखाना के लिए फेमस है. इन तीनों के बिना यहां के लोगों की जिंदगी अधूरी है. यही कारण है कि इस क्षेत्र में इन तीनों का उत्पादन भी खूब होता है. खासतौर से मखाना की खेती इस इलाके में बड़े पैमाने पर होती है. देश ही नहीं, विदेशों में भी इसकी सप्लाई होती है. दरभंगा में मखाना अनुसंधान केंद्र खुल जाने के बाद से इस इलाके में अब हाइब्रिड मखाना की भी खेती शुरू कर दी गई है. यह साल में दो से तीन बार उत्पादित होता है. इससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होने लगा है.
पुश्तों से कर रहे मखाने की खेती
मधुबनी जिले के हरही गांव के रहने वाले गुंजन पंडित बताते हैं कि वे कई वर्षों से मखाना की खेती कर रहे हैं. यह उनका पुश्तैनी काम है. फायदा होने के कारण अपनी जमीन के साथ-साथ दूसरों से लीज पर भी जमीन लेकर मखाना की खेती कर रहे हैं.गुंजन कहते हैं कि मखाना स्वास्थ्य वर्धक भी होता है. यह प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत माना जाता है. जीआई टैग मिलने के बाद अब इसकीगुणवत्ता पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है.
तालाब के साइज के आधार पर निर्भर है कमाई
गुंजन बताते हैं किमखाना की खेती करना बहुता ही आसान है. इसमें किसी प्रकार के कीटनाशक और खाद का इस्तेमाल नहीं होता है. वे कहते हैं कि तालाब के साइज के आधार पर कमाई निर्भर करता है. सामान्य किसान भी मखाना की खेती से 2.5 से 3 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं. साथ ही साथ इसके डंठल बेचकर भी पैसा कमा सकते हैं. मखाना की खेती करने के लिए बीच खरीदने में ज्यादा खर्च नहीं है.
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