मछली पालन कर आत्मनिर्भर बनेंगी जीविका दीदियां

Update: 2023-01-17 11:07 GMT

गोपालगंज न्यूज़: अब जीविका की दीदियां मछलीपालन कर आत्मनिर्भर बनेंगी. इसके लिए इन्हें तालाब, मछली बीज व उनके खाने के लिए दाना व मछलियों की ग्रोथ के लिए दवा की व्यवस्था जिला परियोजना विभाग(जीविका) करेगा. मिली जानकारी के अनुसार जिला परियोजना विभाग व जिला मत्स्य विभाग जिले के 14 प्रखंडों के वैसे 14 सरकारी तालाबों को चिन्हित किया है, जहां आसानी से मछली पालन किया जा सके. उन्हीं तालाबों को प्रखंडवार जीविका की दीदियों को मछलीपालन के लिए दिया जाएगा. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले के 14 प्रखंडों के मछलीपालन करने के इच्छुक 280 जीविका के दीदियों का चयन किया गया है. इसके बाद चयनित जीविका दीदियों में से प्रखंडवार अलग-अलग 14 ग्रुप बनाया गया है. मछलीपालन में परेशानी न हो इसको लेकर एक ग्रुप में 20 जीविका दीदियों को शामिल किया गया है. अब इन्हीं ग्रुपों को उनके अपने प्रखंड इलाके में मछलीपालन के लिए सरकारी तालाब उपलब्ध कराया जा रहा है. पहले चरण में योजना के तहत जिले के दो प्रखंड उचकागांव के दहीभाता व गोपालगंज के हरिहरपुर गांव में सरकारी तालाब उपलब्ध करा मछलीपालन का कार्य शुरू भी कराया जा चुका है. बाकि बचे 12 प्रखंडों में भी जल्द ही मछलीपालन का कार्य शुरू कराने के लिए विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.

मछलीपालन के साथ बत्तख पालन की भी है योजना: जिले के सभी प्रखंडों में जीविका की दीदी अगर मछलीपालन के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करती हैं, तो उन्हें इसी तलाबों में बतख पालने का भी अवसर दिया जाएगा. इसको लेकर भी विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गोपालगंज के हरिहरपुर गांव में सबसे पहले मछलीपालन कार्य जीविका की दीदियों के माध्यम से शुरू कराया गया. यहां इनका प्रदर्शन काफी सराहनीय है. अब तक मछलीपालन कर यहां की जीविका दीदियों ने पांच लाख से अधिक रुपए की आमदनी की है. अब यहां विभाग बत्तख पालने की भी योजना बना रहा है.

चयनित जीविका दीदियों को मछलीपालन को लेकर उन्हीं के प्रखंड में सरकारी तालाब उपलब्ध कराया जा रहा है. मछलीपालन में आने वाले सभी खर्च परियोजना व मत्स्य विभाग करेगा. मछली का उत्पादन होने पर उन्हें बाजारों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी भी विभाग उठाएगा. -राकेश कुमार, जिला परियोजना प्रबंधक, गोपालगंज

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