पटना: कर्मचारी भविष्य निधि के तहत बीमित कामगारों के हितों की सुरक्षा के लिए श्रम संसाधन विभाग ने एक सोसाइटी बनाई है. इसके बनने से राज्य में बीमित चार लाख से अधिक कामगारों को लाभ होगा. साथ ही बीमित कामगारों के परिजनों को भी आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. श्रम संसाधन विभाग ने सोसाइटी गठन का संकल्प जारी कर दिया है.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार बीमित कामगारों के बीमार होने की स्थिति में बीमित व्यक्ति एवं उनके परिजनों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए ही सोसाइटी का गठन किया गया है. बिहार में अभी चार लाख 11 हजार 210 बीमित व्यक्ति हैं. बीमित कामगारों व उनके आश्रितों को चिकित्सालय, दो आदर्श अस्पतालों के माध्यम से उपचार किया जा रहा है. 50 टाई-अप संस्थानों में भी मरीजों को रेफर किया जा रहा है. इसके अलावा नगद हितलाभ, बीमारी हितलाभ, अपंगता हितलाभ, आश्रितजन हितलाभ, प्रसूति हितलाभ, प्रसव व्यय, अंत्येष्टि लाभ व व्यवसायिक पुनर्वास भत्ता प्रदान किया जा रहा है. वर्तमान में कर्मचारी राज्य बीमा योजना का संचालन राज्य बजट से प्राप्त राशि से किया जाता है. कुल खर्च का 87.5 फीसदी केन्द्र और शेष राशि राज्य सरकार वहन करती है. केन्द्र से मिली राशि को राज्य सरकार के कोष में चालान के माध्यम से कोषागार में जमा किया जाता है.
इसलिए सरकार ने सोसाइटी गठन करने का निर्णय लिया है: सोसाइटी समय-समय पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम के निर्देशों का पालन करेगी. इसके गठन से वित्तीय शक्ति की स्वायत्तता उपलब्ध रहेगी. आवश्यकतानुसार चिकित्सा पदाधिकारी व पारा मेडिकल कर्मियों की बहाली संविदा पर की जा सकेगी जिससे चिकित्सालय का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकेगा.