Katihar: खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के तहत एक हजार एकड़ में होगी मड़ुआ की खेती
जिले में करीब एक हजार एकड़ में मड़ुआ की खेती होगी
कटिहार: जिले में मोटे अनाज में शामिल मड़ुआ की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. जलवायु अनुकूल कृषि के लिए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के तहत मड़ुआ की खेती करने का लक्ष्य तय किया है. जिले में करीब एक हजार एकड़ में मड़ुआ की खेती होगी. खेती कलस्टर में चयनित गांवों में की जाएगी.
ज्ञात हो कि दस साल पूर्व तक जिले में मड़ुआ की खेती होती थी. लेकिन,सेहत और कीमत दोनों लिहाज से लाभकारी मड़ुआ की खेती ज्यादातर किसानों ने छोड़ दी है. कृषि समन्वयक सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि मड़ुआ की खेती में लागत कम है और उत्पादन प्रति एकड़ 13 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ हो जाता है. इसका बाजार मूल्य 80 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम है.
मौसम के मार से बेअसर है मड़ुआ की खेती- वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा राय ने बताया कि मड़ुआ एक प्रकार से देहाती टॉनिक है. इसकी खेती तथा उपयोग दोनों ही सेहत के लिए लाभकारी है. किसानों को ऐसे अनाज की खेती भी करनी चाहिए. जिले के किसान पिछले कुछ सालों से मौसम की बेरुखी से परेशान हैं. ऐसे में मड़ुआ की खेती सूखे में भी की जा सकती है. मड़ुआ की खेती के लिए काफी कम पानी की जरूरत पड़ती है. किसान बिना सिंचाई किए मड़ुआ की अच्छी फसल ले सकते हैं. मड़ुआ को सेहत के लिए फायदेमंद आहार माना गया है. मड़ुआ में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों की मात्रा होती है.
मड़ुआ की पांच प्रमुख खासियत:
● मधुमेह और रक्तचाप के रोगियों के लिए है फायदेमंद
● फैट रहित, एमिनो अम्ल और रेशे बहु होने के कारण मोटापा घटाने में सहायक
● मड़ुआ में 80 प्रतिशत कैल्शियम की मात्रा पाए जाने से हड्डियों को करता है मजबूत
● फाइबर व शुगर फ्री अनाज होने के कारण डायबिटीज के मरीजों के लिए है आहार
● 15- दिन मड़ुआ खाने में उपयोग करने से एनिमिया की समस्या में मिलती है राहत
इस बार जिले में 1000 एकड़ में मड़ुआ की खेती कराने का लक्ष्य है. इसके लिए गांव और किसानों का चयन कराया जा रहा है. कलस्टर में इसकी खेती होगी.
-भूपेंद्र मणि त्रिपाठी, डीएओ, गोपालगंज