भागलपुर न्यूज़: किसानों के लिए काशी का अमन व आदर्श टमाटर वरदान साबित होगा. सूखे में खूब फलेगा. बाढ़ से सड़ेगा नहीं और पाला पड़ने पर खराब नहीं होगा. इन गुणों से भरपूर टमाटर की नई प्रजाति काशी के वैज्ञानिकों ने इजाद की है. किसानों के लिए टमाटर की उन्न्त खेती के लएि काशी के कृषि वैज्ञानिकों ने खास अमन और आदर्श नाम के टमाटर को विकसित किया है.
इस प्रभेद की यह है खासियत काशी के इन टमाटरों की खासियत यह है कि यह 4 डिग्री सेल्सियस तापमान के अलावा हर मौसम में भरपूर उत्पादन देगा. इसकी एक और खासियत है कि जंगली प्रजाति के टमाटर के जीन के जरिए इसमें और सुधार संभावित है. जल्द नई प्रजाति किसानों के बीच होगी. केविके पौधा वैज्ञानिक डॉक्टर विद्या चानू ने बताया कि सूखा प्रतिरोध जीन को टमाटर की उन्नतशील किस्म ‘काशी विशेष’ में स्थानांतरित किए जाने पर इसने सूखा प्रतिरोध प्रदर्शित किया. भारतीय सब्जी अनुसंधान में चल रहे शोध में सामने आई ‘काशी अमन’ ने चार डिग्री सेल्सियस तापमान में पांच दिनों तक सहनशीलता दिखाई. जल भराव वाले क्षेत्रों में भी इन प्रजातियों के उत्पादन पर असर नहीं पड़ा.
काशी के वैज्ञानिकों ने की खोज
काशी अर्थात बनारस सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने अथक प्रयास से यह उपलब्धि हासिल की है. विकसित टमाटर का काशी प्रभेद किसानों के लिए वरदान साबित होगा. केविके में किए गए ट्रायल में अमन प्रभेद 60-70 सेमी व आदर्श 90 सेमी से एक मीटर की लंबाई का पाया गया.
कहते हैं केविके प्रमुख
केविके हेड डॉ.अरबिंद सिंह ने बताया कि तीन हजार किसानों के खेतों में व केविके में ट्रायल के रूप में सफल खेती की गई. अगले सीजन में जिले के सभी पंजीकृत किसानों को पौधा व तकनीक उपलब्ध कराने का लक्ष्य है.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है आदर्श और अमन टमाटर
केविके वैज्ञानिक डॉ. चानू ने बताया कि टमाटर का यह उन्नत प्रभेद जैविक खेती से बेहतर उत्पादन के साथ स्वास्थ्य के लिए भी यह फायदेमंद है. खेत में लगे टमाटर के एक शाखा पर 10 से 12 फल तथा एक पौधा में 10 -12 शाखाओं पर लगभग 120 से 125 फल लगते हैं. बताया कि इसकी खेती ने गाय का गोबर, 20-30 दिन पर जीवामृत व लाही या अन्य व्याधियों से बचाव के लिए निमास्त्रत्त् का उपयोग किया गया.
खेतों में करीब तीन हजार लगाए गए हैं पौधे
ट्रायल के रूप में केविके में दो प्रभेदों काशी अमन व काशी आदर्श की खेती की गई थी. जिले के किसानों की खेतों में भी करीब तीन हजार पौधे लगाया गया. जिसमें एक एकड़ में 10-12 टन के हिसाब से उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है. काशी अमन का एक पौधा 4.5 किलोग्राम व काशी आदर्श का एक पौधा 6.5 किलोग्राम उत्पादन दिया है. बताया कि इन प्रभेदों की प्राकृतिक खेती की गई.