रोहतास न्यूज़: कारगिल युद्ध में जिले का कोई भी जवान शहीद नहीं हुआ था. लेकिन, युद्ध ने देश भक्ति के जज्बे को भर दिया था. यही कारण है कि शहीदों की याद में जिले की कलेक्ट्रेट परिसर में कारगिल स्मृति स्थल बनाया गया है. जनवरी 2002 में पांच हजार रुपये से कारगिल स्मृति स्थल की नींव रखी गई है.
निर्माण कार्य को मुकाम तक पहुंचाने में लोगों ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया. निर्माण के दौरान कई रुकावटें आई, लेकिन शहीदों के सम्मान के आगे बाधाएं दूर होती गई. हर वर्ष कारगिल दिवस पर स्मृति स्थल पर दीप जलाकर जिलावासी वीरों को याद करते है. परंपरा लगातार चली आ रही है. 24 वर्ष पहले भारत ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाई थी. ऑपरेशन विजय के नाम से चली कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने जांबाजी के साथ लड़ते हुए फतह हासिल की थी. करीब दो माह तक चले युद्ध में देश के कई वीर सपूत शहीद भी हुए थे. शहीदों की याद व शौर्य गाथा को यादगार बनाए रखने के लिए हर विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. भले ही कारगिल युद्ध में जिले से कोई शहीद नहीं हुआ है, लेकिन यहां देशभक्त वीरों के प्रति असीम प्रेम व श्रद्धा है. वे शहीद सैनिक परिवार के साथ सदैव खड़ा रहने के लिए तत्पर हैं. विदित हो कि तत्कालीन डीएम डॉ. वसीमुद्दीन अहमद अंजुम की पहल पर नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से समाहरणालय में कारगिल स्मृति स्थल की नींव पांच हजार रुपये से रखी गई. यह राशि नेहरू युवा केंद्र को केंद्र सरकार से प्रोत्साहन के तौर पर मिली थी, जिसे शहीद के परिजन को सम्मानित किया जाना था. लेकिन कारगिल युद्ध में जिले का कोई सपूत शहीद नहीं होने के कारण जिला प्रशासन ने उक्त राशि से कारगिल योद्धाओं की याद में स्मृति स्थल की नींव डाली गई.42 वीं बिहार बटालियन एनसीसी के कर्नल रत्नाकर त्रिवेदी ने कहा कि कारगिल युद्ध में जिले का कोई वीर वीरगति को प्राप्त नहीं हुआ था. कारगिल युद्ध लड़ने वालों वीरों की जानकारी वर्तमान में उपलब्ध नहीं है.