पत्रकार की हत्या: पुलिस ने 6 लोगों को किया गिरफ्तार, लेकिन अब फेसबुक पोस्ट से आया नया मोड़
पटना: बिहार के मधुबनी जिले में पत्रकार बुद्धिनाथ झा की हत्या का मामला सामने आया था. पत्रकार की हत्या के मामले में परिजन नर्सिंग होम संचालकों पर शक जता रहे तो वहीं पुलिस प्रेम प्रसंग में हुई वारदात बता रही है. इन सबके बीच बुद्धिनाथ झा की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. ये नया मोड़ आया है बुद्धिनाथ झा की फेसबुक पोस्ट से.
बुद्धिनाथ झा 9 नवंबर की रात लापता हो गए. लापता होने से दो दिन पहले 7 नवंबर को अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट किया था. बुद्धिनाथ झा ने नर्सिंग होम और अस्पताल संचालकों के खिलाफ अपनी मुहिम आगे बढ़ाते हुए 7 नवंबर को अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि द गेम विल रीस्टार्ट ऑन द डेट 15/11/21.
बुद्धिनाथ झा के इस पोस्ट से ऐसा लगता है कि वे 15 नवंबर को नर्सिंग होम, अस्पताल संचालकों के खिलाफ कोई और खुलासा करने वाले थे लेकिन उससे पहले ही वे लापता हो गए और उनकी हत्या कर दी गई. गौरतलब है कि मधुबनी पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इस हत्याकांड के पीछे की वजह त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग है.
पुलिस ने इस मामले में पूर्ण कला देवी के साथ ही रोशन कुमार, बिट्टू कुमार, दीपक कुमार, पवन कुमार और मनीष कुमार को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक पूर्ण कला देवी से पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया है कि वह बुद्धिनाथ झा के साथ प्रेम करती थी जबकि पवन कुमार, पूर्ण कला देवी से एकतरफा प्यार करता था.
दूसरी तरफ पुलिस के मुताबिक एक और आरोपी रोशन बेनीपट्टी में जांच लैब चलाया करता था. उसका भी बुद्धिनाथ के साथ विवाद चल रहा था. बुद्धिनाथ लगातार उसे धमकी दे रहा था. पुलिस के मुताबिक बुद्धिनाथ का खुद का जांच लैब का धंधा बंद हो चुका था तो वह रोशन को लगातार धमकी दे रहा था कि वह उसका लैब भी बंद करा देगा. पुलिस के मुताबिक इसी कारण से पवन और रोशन ने व्यक्तिगत कारणों से बुद्धिनाथ को रास्ते से हटा दिया.
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी के निवासी 22 साल के बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा पेशे से एक वेब पोर्टल पत्रकार थे और साथ ही आरटीआई कार्यकर्ता भी थे. बुद्धिनाथ फर्जी नर्सिंग होम को लेकर लगातार खबरें कर रहे थे. उन्होंने 15 नवंबर को कोई और खुलासा करने को लेकर फेसबुक पर पोस्ट किया था. फेसबुक पर पोस्ट करने के दो दिन बाद ही बुद्धिनाथ लापता हो गए और उनका शव 12 नवंबर को अधजली हालत में उड़न गांव में मिला. बुद्धिनाथ के परिजनों की मानें तो वो 9 नवंबर की रात से ही लापता थे. पुलिस के हाथ जो सीसीटीवी फुटेज लगे हैं उनमें भी वे रात 10 बजे के करीब फोन पर किसी से बात करते नजर आ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि 10 नवंबर को सुबह 9 बजे के बाद बुद्धिनाथ का मोबाइल बंद हो गया जिसके बाद परिवार वालों ने बुद्धिनाथ के लापता होने की प्राथमिकी स्थानीय थाने में दर्ज कराई और निजी नर्सिंग होम और अस्पताल संचालकों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया. 12 नवंबर को उसका अधजला शव मधुबनी जिले के उड़न गांव में मिला. बुद्धिनाथ के परिवार वालों ने उसके हाथ पर अंगूठी, गले में चेन और पैर के मस्से से उसकी पहचान की.
जानकारी के मुताबिक बुद्धिनाथ झा लगातार अपने वेब पोर्टल पर इलाके में चलने वाले फर्जी नर्सिंग होम, अस्पताल के बारे में खुलासा कर रहे थे. लोक शिकायत निवारण कानून और सूचना का अधिकार कानून का इस्तेमाल करके बुद्धिनाथ ने इसी साल फरवरी में बेनीपट्टी और धकजरी में अवैध रूप से संचालित 19 जांच घर का खुलासा किया था. प्रशासन ने ये जांच घर बंद करा दिए थे. पिछले साल दिसंबर में भी बुद्धिनाथ की कोशिशों से नौ नर्सिंग होम और जांच घर बंद हुए थे.