शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर जदयू-राजद के सुर अलग

Update: 2023-01-16 07:57 GMT

पटना न्यूज़: शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने कहा है कि वे अपनी बातों पर पहले की तरह पूरी मजबूती से कायम हैं. उनका दावा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. जब वे गलत हैं ही नहीं, तो पीछे हटने का सवाल कहां पैदा होता है. उन्होंने तो केवल सच सामने लाया है. इसमें क्या गलत है, यह कोई बताए? देश के किसी भी भाग में मैं शास्त्रत्तर्थ को तैयार हूं. बचपन से ही रामचरित मानस के उस चौपाई को छोड़कर पढ़ता हूं. जब हमारा ग्रंथ ही समाज को बांटने वाली बातें बता रहा है, तो इसका विरोध क्यों नहीं किया जाए? उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सच कहने के लिए कोई भय नहीं हैं तथा वे राम और हनुमान के भक्त हैं.

रामचरित मानस पर विवादित बयान देने वाले शिक्षा मंत्री के समर्थन में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद उतरे. वहीं जदयू और कांग्रेस ने उनकी खिलाफत की है. पूर्व शिक्षा मंत्री तथा वरिष्ठ जदयू नेता अशोक चौधरी ने उनके बयान की निंदा करते हुए उनसे बयान वापस लेने को कहा है.

जगदानंद चंद्रशेखर के समर्थन में उतरे

विवादास्पद बयान के बाद घिरे चंद्रशेखर के समर्थन में राजद खुलकर सामने आ गया है. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने कहा है कि पूरी पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है व कमंडल वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. राजद कभी कमंडल के आगे मंडल को हारने नहीं देगा. जो हमारे सामाजिक न्याय और समाजवाद की विचारधारा है व लोहिया से जो सीख हमें मिली है, उससे समझौता नहीं हो सकता. हमारे नेता लालू यादव बीमार हैं. जो राह समाजवादियों ने हमें बताई है, उस पर आगे बढ़ने का काम चंद्रशेखर कर रहे हैं.

जगदानंद ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री और हमारे नेता को घबराने की जरूरत नहीं है. मैं उनको यह साफ कर देना चाहता हूं कि उनके बयान के साथ पूरा राजद परिवार खड़ा है. हमलोग हमेशा से कमंडलवादियों के साथ लड़ने के लिए तैयार रहे हैं और आज भी हैं. इसलिए कोई कुछ भी बोले, हमें पीछे हटने की जरूरत नहीं है.

धार्मिक भावना से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता अशोक चौधरी

जदयू चन्द्रशेखर के बयान से इत्तफाक नहीं रखता है. मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि चन्द्रशेखर का बयान जल्दबाजी में दिया गया बयान हैै. रामचरित मानस सनातन हिंदुओं का धर्मग्रंथ है, इस पर लोगों का विश्वास है. वैसे में इस तरह बयान देना उचित नहीं है. जिस चौपाई का उन्होंने उल्लेख किया है ‘मैं अधम..’ तुलसीदास ने दूसरे प्रसंग में है, वह काग भुसुंडी की पंक्ति है. लोगों को यह भी बताइए कि किस प्रसंग में वह चौपाई कही गयी है. इस तरह तो नौजवानों में भ्रम पैदा होगा. एक चौपाई बोल आपने सनसनी फैला दी है. इससे महागठबंधन के बारे में भ्रम पैदा हो रहा है कि हमलोग रामचरित मानस व हिन्दू धर्म विरोधी हैं. हम सह अस्तित्व को मानने वाले हैं. हमारे नेता नीतीश कुमार भगवान राम की शोभायात्रा में हर बार शामिल होते हैं.

सम्मान दिखाते हैं. दुर्गापूजा में हर पंडाल घूमते हैं. तमाम सूफी सेक्टर को विकसित किया. गुरुगोविंद सिंह की 250वीं जयंती पर कैसी व्यवस्था की थी. धार्मिक भावना से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. शिक्षा मंत्री के बयान की हम निंदा करते हैं. वे अपना बयान वापस लें.

शिक्षा मंत्री की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है नित्यानंद राय

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि चंद्रशेखर की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है. उनका बयान निंदनीय है. क्या यह सच नहीं है कि भगवान श्रीराम द्वारा निशात राज को परम मित्र बनाया गया. माता शबरी का जूठा बेर खाना क्या उनके महान आदर्श को नहीं दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भारत के विचारों में श्रीराम व श्रीकृष्ण का डीएनए हैं. भारत में समानता, सम्मान और मर्यादा का प्रतीक श्रीराम हैं. शिक्षा मंत्री का बयान महर्षि वाल्मीकि तथा सनातन संस्कृति का अपमान है.

धार्मिक ग्रंथों ने हमें समाजवाद सिखाया कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर पलटवार किया है और कहा है कि सभी को यह मालूम होना चाहिए कि धार्मिक ग्रंथों ने हमें समाजवाद सिखाया है. कांग्रेस सभी धर्मों और उनके ग्रंथों तथा उनकी मान्यताओं का सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि जिन्हें लगता है कि माता-पिता और गुरु का अपमान करना समाजवाद है तो उनका समाजवाद उन्हें मुबारक.

उन्होंने कहा कि राम की कथा रामायण है. राम तो शबरी माता का जूठा खाते हैं. केवट के घर का भोजन करते हैं, जूठा खाते हैं. इससे बड़ा समाजवाद कोई होगा क्या?

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