शिक्षा विभाग से स्कूलों को एनओसी लेना अनिवार्य, नामांकन लेने से पहले जांच होगी
पटना न्यूज़: राज्य सरकार से बिना एनओसी वाले स्कूलों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) मान्य नहीं होगा. सूबे में 15 हजार स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक शिक्षा विभाग से एनओसी नहीं लिया है. इन स्कूलों ने न तो यू-डायस से निबंधन करवाया है. न ही ये ई-संबंधन पोर्टल से ही निबंधित हैं. ऐसे स्कूल का टीसी दाखिले के समय परेशानी का सबब बनेगा. इस टीसी पर छात्रों को किसी अन्य स्कूल में दाखिला नहीं मिलेगा. शिक्षा विभाग की ओर से इस बाबत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. विभाग इसकी कॉपी सभी जिला शिक्षा कार्यालय को भी भेज दी है.
बता दें कि एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होने वाला है. नए सत्र में सैकड़ों बच्चे आगे की कक्षा में नामांकन दूसरे स्कूलों में लेते हैं. स्कूल बदलने में उन्हें टीसी की जरूरत होती है. पहले दाखिला लेने में दिक्कतें नहीं होती थी, लेकिन अब संबंधित डीईओ द्वारा सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है. छात्र जब टीसी लेकर दूसरे स्कूल में दाखिले के लिए जाएंगे तो पहले टीसी से संबंधित स्कूल की संबंधता देखी जाएगी. इस दौरान देखा जाएगा कि स्कूल के पास यू-डायस नंबर है या नहीं है. स्कूल ने अभी तक ई-संबंधन में निबंधन करवाया हैं या नहीं. यदि स्कूल में पास ये सारा कुछ नहीं होगा तो ऐसे स्कूल के टीसी को अमान्य घोषित कर दिया जायेगा.
तीन लाख बच्चे बिना एनओसी वाले स्कूलों में पढ़ते हैं
शिक्षा विभाग ने राज्यभर में 15 हजार से अधिक ऐसे स्कूलों को चिह्नित किया है जो अनिधिकृत (बिना अनुमति के) संचालित हो रहे हैं. इसमें लगभग तीन लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. इसमें ज्यादातर स्कूल एक से आठवीं तक के हैं. ये स्कूल अभिभावकों से शुल्क के तौर पर मोटी रकम भी वसूलते हैं. लेकिन राज्य सरकार से एनओसी तक नहीं लेते हैं. डीईओ अमित कुमार ने बताया कि एनओसी लेने के बाद स्कूलों को राज्य सरकार के नियमों का पालन करना होगा. नियम के तहत ही 25 फीसदी गरीब बच्चों का नामांकन लेना है. इन सब से बचने के लिए कई स्कूल एनओसी नहीं लेते. ऐसे स्कूलों को चिह्नित किया जा रहा है.
अभिभावक रखें ध्यान:
● सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले स्कूल में दाखिले से पूर्व करें जांच
● नामांकन लेने के समय अभिभावक यू-डायस नंबर स्कूल से मांगें
● ई-संबंधन पोर्टल खोल कर स्कूल का निबंधन देख लें
● नामांकन के समय स्कूल प्रशासन के प्रलोभन से बचें
● किसी तरह का शक हो तो तुरंत डीईओ कार्यालय से संपर्क करें