गोपालगंज न्यूज़: बाजार भाव कम होने से प्रखंड में अगैती खेती करने वाले प्याज उत्पादक भारी मुसीबत में है. खालगांव, नटवां, कपूरी, नेहरूआ कला, विशुनपुरा, सिकटिया मिश्रौली, भृंगीचक आदि गांवों में लगभग चार सौ हेक्टेयर में किसानों ने प्याज की खेती की है. जिसमे एक सौ हेक्टेयर में अगैती प्याज की खेती हुई है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार लगभग 35 हजार रुपए की लागत से एक एकड़ में प्याज की खेती होती है. सामान्य मौसम रहने के कारण प्याज उत्पादन पिछले साल से अधिक हुआ है. लेकिन बाजार भाव 10 रुपए प्रति किलो होने से किसानों की आमदनी लगभग चार गुना कम हो गई है. प्याज खरीदने के लिए कटेया, भोरे, उचकागांव, फुलवरिया सहित यूपी के फाजीलनगर, समउर, तमकुही आदि बाजारों के व्यापारी किसानों के खेतों में पहुंचते हैं. खेत से ही व्यापारी खरीद कर ले जाते हैं. किसान प्याज उत्पादन को लेकर बहुत खुश थे. लेकिन बाजार भाव कम और प्रखंड क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से बेचना मजबूरी हो गई है. हालांकि प्याज को रखने के लिए किसानों ने भी एक तरकीब निकाली है. भंडारण के लिए किसान फूस की पलानी में बीच में बांस का चचरी बनाकर प्याज रखते हैं. ताकि प्याज सड़ने से बच सके.
कहते हैं किसान विशुनपुरा गांव के प्रगतिशील किसान सत्यनरायण सिंह, मिश्रौली गांव के मुन्ना पड़ित, नटवां के आतम सिंह व कपुरी के धर्मदेव सिंह बताते हैं कि अच्छा मुनाफा कमाने के लिए फसल का प्रबंधन सही ढंग से कियास गया था. जिससे प्यास का उत्पादन अच्छा हुआ. लेकिन, अब प्यास का दाम सही नहीं मिल रहा है. जिससे लागत निकालना भी मुश्किल साबित हो रहा है. इसबार किसान की खेती नुकसानदायक साबित हो रही है.
इसको लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है.
कहते हैं विशेषज्ञ
कृषि विशेषज्ञ मुकेश कुमार बताते हैं कि एक एकड़ खेत में प्यास का औसत उत्पादन 20 से 40 क्विंटल होता है. इसका बाजार में औसतन मूल्य 6 सौ से 10 सौ रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है. इस तरह प्रति एकड़ कुल आमदनी 25 से 30 हजार रुपए तक हो रही है. जबकि इसे उगाने पर कुल खर्च करीब 30 से 35 हजार रुपए आता है. मौसम अनुकूल रहने से प्याज का उत्पादन काफी अधिक हुआ है. लेकिन बाजार भाव कम होने से नुकसान हो रहा है .