बैठक में सीनेट और सिंडिकेट सदस्यों ने 27 नए कॉलेजों की संबद्धता पर सवाल उठाए
सीनेट की बैठक राज्यपाल ने की अध्यक्षता
नालंदा: बिहार विवि में सीनेट की बैठक हुई. राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीनेट और सिंडिकेट सदस्यों ने 27 नए कॉलेजों की संबद्धता पर सवाल उठाए. विरोध के बाद कुलाधिपति और कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने इन कॉलेजों की फिर से जांच की घोषणा की.
बैठक में सिंडिकेट सदस्य धनंजय सिंह ने कहा कि बीआरएबीयू में 131 कॉलेज हो चुके हैं. अब यहां कॉलेज खोलने की जरूरत नहीं है. एमपी सिन्हा साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. नलिन विलोचन ने कहा कि कई ऐसे कॉलेजों के संबद्धन का प्रस्ताव पास किया गया है, जहां आधारभूत संरचना तक नहीं है. एक अन्य सदस्य ने कहा कि एक जमीन पर कई कॉलेज चल रहे हैं. जांच टीम में सीनेट सदस्यों को रखा जाए. इससे पहले बैठक में 930.21 करोड़ का बजट पास किया गया. बजट का प्रस्ताव डीन प्रो. शिवानंद सिंह ने पेश किया. उन्होंने कहा कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार 114.89 करोड़ कम का बजट तैयार किया गया है. सरकार से विवि को पेंशन व वेतन मद में 100 करोड़ मिल चुके हैं.
बैठक में गायघाट विधायक निरंजन राय ने प्रॉक्टर प्रो. विनय शंकर राय और लोकपाल प्रो. अजीत कुमार की नियुक्ति पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज आर्ट्स प्रो. प्रमोद कुमार कई वर्षों से अपने पद पर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक वर्ग के लोगों को विवि में अधिकारी बनाया जा रहा है. गणित विभाग में भी नियम के विरुद्ध अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि समान काम समान वेतन में भी गड़बड़ी हो रही है. सरकार के रोक के बाद भी छात्राओं से फीस ली जा रही है. मीनापुर विधायक मुन्ना यादव ने विवि में अधिकारियों के चयन में सामाजिक न्याय का पालन करने की मांग की.