भागलपुर न्यूज़: एससी/एसटी कांडों को लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर दिख रहा है. इसको लेकर समीक्षा की जा रही है. इन कांडों में पुलिस की कार्रवाई, अनुसंधान और वरीय अधिकारियों की सक्रियता को लेकर रिपोर्ट तलब की गई है. सीआईडी के तहत कमजोर वर्ग ने भागलपुर सहित सभी जिलों से रिपोर्ट भेजने को कहा है. कई बिंदुओं पर रिपोर्ट की मांग की गई है. ऐसे कांडों में जिलों के डीएम और एसपी कितनी बार मौके पर पहुंचे, इसकी भी जानकारी देनी है. मुख्यालय का कहना है कि एससी/एसटी के गंभीर कांडों को देख जिले के डीएम और एसपी को भी मौके पर जाना जरूरी है, ताकि नुकसान का पता लगाया जा सके. वर्ष 2020 से इस साल जून महीने तक की रिपोर्ट की मांग की गई है.
एफआईआर दर्ज करने में देरी पर क्या हुई कार्रवाई मुख्यालय द्वारा तलब की गई रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी मांगी गई है कि एससी/एसटी के मामलों में एफआईआर दर्ज करने में देरी और शिकायत मिलने पर भी केस दर्ज नहीं करने वाले कितने पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है.
इसको लेकर सख्त निर्देश दिया जा चुका है कि ऐसे मामलों में शिकायत मिलने पर केस दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही यह भी पूछा गया है कि एससी/एसटी के कितने मामलों में थानेदार ने थाने से ही आरोपी को बेल दी है. समग्र रिपोर्ट की मांग की गई है, ताकि उच्च स्तर पर उसकी समीक्षा की जाए.
इन बिंदुओं पर भी रिपोर्ट की मांग
● मामले में लापरवाही करने वाले लोक सेवक के विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई
● ऐसे कितने मामलों में मुआवजा का प्रस्ताव समर्पित किया गया, मांगी जानकारी
● क्षेत्रीय स्तर पर एससी/एसटी के तहत दर्ज कांडों की समीक्षा में क्या आया
● 2020 से अभी तक कतने कांडों का स्पीडी ट्रायल कराया गया, संख्या
● जिला स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की कितनी बैठक आयोजित की गई
● मॉनिटरिंग समिति की बैठक में भाग लेने वाले पुलिस अधिकारियों की संख्या