मधुबनी न्यूज़: सदर अस्पताल के ओपीडी व प्रसव कक्ष में बिचौलियों का कब्जा है. इन दोनों जगहों पर बिचौलिए पूरी तरह से सक्रिय हैं. अस्पताल प्रशासन के लाख कवायद के बाद भी इनका जमावड़ा अस्पताल से खत्म नहीं हो रहा है. अस्पताल आने वाले मरीजों को बड़गला कर उसे निजी नर्सिंग होम व प्राइवेट क्लीनिक में जाने को विवश कर देते हैं. इस वजह से मरीजों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. खासकर गरीब मरीजों की जेब काफी ढीली हो जाती है.
इसमें आशा व अन्य लोग पर अवैध तरीके से मरीजों को जांच व भर्ती के लिए निजी अस्पताल व क्लीनिक ले जाने को प्रेरित करते हैं. भी अस्पताल के ओपीडी में अत्यधिक भीड़ थी, इस भीड़ में आशा व अन्य अवैध लोग वहां पहुंचकर मरीजों को सहूलियत के हिसाब से जांच व अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर ले जाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि तभी अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद व कुछ गार्ड ने मिलकर पूछताछ शुरू की. जो लोग अवैध तरीके से वहां मौजूद थे, मौका देखकर निकल गये.
क्या कहते हैं अधिकारी: अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने बताया कि अस्पताल से अवैध दलालों का कब्जा खत्म करवाया जाएगा. इसकी शिकायत नहीं मिली है. अब प्रतिदिन दलालों से सावधान रहने संबंधी माइक से प्रचारित किया जाएगा. सुरक्षा गार्डों को सख्त निर्देश दिया गया है कि मरीज के अलावा अन्य बाहरी ं के प्रवेश रोकें.
प्रतिदिन 20 लोगों की ही हो पाती है अल्ट्रासाउंड जांच
सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड में प्रतिदिन सिर्फ 20 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड हो पाता है. गायनिक में प्रतिदिन 200 से 225 तक गर्भवती महिलाएं पहुंचती हैं. अल्ट्रासाउंड सेंटर पर तैनात एएनएम ने बताया कि प्रतिदिन करीब 60 से 70 मरीजों को अल्ट्रासाउंड लिखा जाता है. अस्पताल में प्रतिदिन करीब 20 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड हो पाता है. बांकी मरीजों को आगे की तारीक दी जाती है. वहां पर मौजूद रजिस्टर से पता चला कि मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए एक महीने बाद तक का भी समय दिया जाता है. इसका फायदा उठाकर दलाल ऐसे मरीजों को प्राइवेट में अल्ट्रासाउंड करवाकर अपने कमीशन ऐंठ लेता है.