बक्सर न्यूज़: आईआईएम बोधगया के इकोनॉमिक्स क्लब ने 'यूनियन बजट 2023 आफ्टरमाथ एंड इम्पैक्ट ऑन बिज़नेस एंड पीपल' विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया. अर्थशास्त्रत्त् क्लब ने भविष्य के लिए अपने नए लोगों और विजन पर चर्चा किया. धर्मकीर्ति जोशी ने कहा भारतीय बजट में पहली बार जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण पैरामीटर बन गया है.
वक्ताओं ने बजट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. जैसे कि पूंजीगत व्यय को 33 से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया और इसका अर्थव्यवस्था पर अच्छा गुणक प्रभाव कैसे पड़ेगा, जीडीपी वृद्धि पर 10.5 से 11 तक की वास्तविक धारणा, ग्रीन स्ट्रेटेजी से उत्पादन पर होगा.
पैनल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह मौजूदा यूनियन सरकार का आखिरी बजट है - यह एक लोकलुभावन बजट नहीं बल्कि एक संतुलित बजट है, जो कि किफायती आवास वित्त जैसी छोटी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और साथ ही अंतिम-मील कनेक्टिविटी और ग्रामीण कृषि भंडारण सुविधाओं में बढ़ते खर्च जैसी पहलों को भारत के सभी हिस्सों में सुविधाजनक बना रहा है. पैनल में पुरानी टैक्स व्यवस्था बनाम नई कर व्यवस्था पर वाद विवाद किया.
पैनल ने यह भी रेखांकित किया कि सरकार ने एमएसएमई के लिए अपने आवंटन में वृद्धि की है, ईंधन सेल आधारित बैटरी पर बैंकिंग कर रही है, जलवायु वित्त के साथ स्थायी वित्त पर ध्यान केंद्रित करते हुए बुलेट ट्रेन परियोजना विकास की नींव रख रही है. चर्चा के बाद छात्रों ने सवाल जबाब किया. फिर कार्यक्रम का समापन हुआ. वक्ताओं में धर्मकीर्ति जोशी, क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्रत्त्ी, सिद्धार्थ सान्याल, मुख्य अर्थशास्त्रत्त्ी व बंधन बैंक के अनुसंधान प्रमुख और नलिन प्रियरंजन, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रबंधक शामिल हुए. कार्यक्रम का संचालन प्रो रंजन अनेजा ने किया.