राज्य में गरमा फसलों की खेती पर लगा गर्मी का ग्रहण

Update: 2023-04-22 14:23 GMT

पटना न्यूज़: सूरज के तल्ख तेवर का असर गरमा फसलों और हरी सब्जियों पर पड़ रहा है. इससे फसल चक्र प्रभावित होने की भी आशंका है. खेत में नमी कम होने का प्रतिकूल प्रभाव मूंग, मक्का, मड़ुआ और ढैंचा जैसी गरमा फसलों के साथ ही हरी सब्जियां, आम और लीची पर पड़ना तय है. खेती का रकबा घटने और उत्पादन कम होने की आशंका है.

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार का कहना है कि अभी कई क्षेत्रों में मूंग की बुआई चल रही है. खेत में नमी कम होने का असर अंकुरण पर पड़ेगा. बीज अंकुरित नहीं होंगे. तापमान बढ़ने से खेत की नमी लगातार कम हो रही है. मक्का के छोटे पौधे पर तापमान वृद्धि का असर कम होता है. लेकिन अभी तापमान लगातार 43-44 डिग्री पर जा रहा है. समय से पहले तापमान 40 डिग्री से ज्यादा होने पर मक्का, मड़ुआ जैसी प्रतिरोधक क्षमता वाली फसलों को भी हल्की सिंचाई की जरूरत है. फसलों को हीट स्ट्रेस से बचाने के लिए ड्रिप सिंचाई करनी चाहिए. इससे पौधों और जमीन में नमी को बनाए रखा जा सकता है.

कृषि विशेषज्ञ और कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल कुमार झा का कहना है कि गरमा फसलें अप्रैल से जून के बीच तैयार होती हैं. अभी बुआई के समय ही ज्यादा तापमान झेलना पड़ रहा है. ऐसे में मूंग के साथ ही सब्जियों को बचाना कठिन होगा.

घटेगा गरमा फसलों का रकबा अत्यधिक गर्मी का असर बुआई पर पड़ेगा. वर्ष 2022 में बिहार में गरमा धान का रकबा 53.87 हजार हेक्टेयर था. मूंग की बुआई 1 लाख 56 हजार हेक्टेयर में हुई थी. गरमा मक्का की खेती 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर, चीना की 0.027 हजार हेक्टेयर, सूर्यमुखी की 3.8 हजार हेक्टेयर में हुई थी. इस साल ज्यादा तापमान में बुआई प्रभावित हो रही है. इसके असर से गरमा फसलों का रकबा घटेगा. गरमा धान, मक्का, सूरजमुखी के रकबे में कमी आने की आशंका है.

गरमा की फसल अभी नई है. ज्यादा गर्मी पड़ने का इस पर घातक प्रभाव पड़ेगा. खेत में नमी कम होने पर पौधे कमजोर हो जाएंगे. गरमा फसलों के साथ ही सब्जियों की फसल को भी दिक्कत होगी.

- डॉ. एके सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, शष्य विज्ञान, आईसीएआर

बढ़ते तापमान से सब्जियां और फल भी झुलस रहे हैं

बढ़ते तापमान का असर हरी सब्जियों की खेती पर पड़ रहा है. सब्जियां झुलस रही हैं. खेत में नमी कम हो गई है. मौसम कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार का कहना है कि परवल, करेला आदि को हीट स्ट्रेस से बचाना होगा. सुबह या शाम सिंचाई करें. पुआल से सब्जियों को ढंकना भी कारगर उपाय है. उन्होंने बताया कि ज्यादा तापमान बढ़ने पर आम और लीची के फल टूटकर गिरने लगते हैं. आकार छोटे हो जाते हैं.

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