सेवानिवृत्त जजों द्वारा सरकारी आवास नहीं छोड़ने पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, सरकार को कार्रवाई का आदेश

जजों के सेवानिवृत्त होने के कई महीनों बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं करने के मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. अधिवक्ता दिनेश कुमार (Advocate Dinesh Kumar) की जनहित याचिका पर जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई की.

Update: 2021-11-16 08:07 GMT

जनता से रिश्ता। जजों के सेवानिवृत्त होने के कई महीनों बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं करने के मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. अधिवक्ता दिनेश कुमार (Advocate Dinesh Kumar) की जनहित याचिका पर जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के लिए 3 हफ्ते की मोहलत दी है.

अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि पटना हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह, जस्टिस अंजना मिश्रा, जस्टिस पी सी जायसवाल और जस्टिस ए के त्रिवेदी कई महीने पहले सेवानिवृत्त हो चुके थे, लेकिन उन्होंने काफी समय तक सरकारी आवास खाली नहीं किया.
दिनेश कुमार ने कोर्ट को बताया गया कि जस्टिस दिनेश कुमार सिंह अक्टूबर, 2020, जस्टिस पी सी जायसवाल दिसम्बर, 2019 और जस्टिस ए के त्रिवेदी अगस्त 2020 में अपने पद से सेवानिवृत्त हो चुके थे. इसके बाबजूद उन्होंने काफी समय तक आवास खाली नहीं किया था. उन्होंने बताया कि जजों के सेवानिवृत्त होने के एक महीने के भीतर उन्हें सरकारी आवास खाली करने का प्रावधान है. अगर वे एक महीने के बाद भी सरकारी आवास में रहते हैं तो उन्हें आवास में रहने के लिए प्रावधान के अनुसार किराया देना होगा.
अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि अगर कोई राजनीतिज्ञ या नौकरशाह अपना सरकारी आवास खाली नहीं करते हैं तो कोर्ट उन्हें सरकारी आवास खाली करने का आदेश देता है. लेकिन उनके द्वारा सेवानिवृत्त होने के बाद सरकारी आवास खाली नहीं किया जाना गंभीर मामला है. उन्होंने कोर्ट से इस सम्बन्ध में उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया था. ताकि सेवानिवृत्त जज अपने सरकारी आवास को खाली कर दें. इस मामले पर 3 सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी.


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