सरकारी अस्पतालों में ईलाज का जमीनी सच, ईलाज के बाद मरीज को जमीन पर लिटाया

Update: 2023-04-01 07:18 GMT

आरा: सरकारी अस्पतालों में ईलाज का जमीनी सच सरकारी दावों से एकदम उलट है। सूबे की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चाहे जो भी दावा पेश करे लेकिन उनके दावे हर जगह फेल साबित होते है। कुछ ऐसा ही चौंकाने वाला नजारा आइएसओ से प्रमाणित जिले के सबसे बडे अस्पताल आरा सदर अस्पताल का है, जहां स्वास्थ्य मंत्री के कड़े निर्देशों के बावजूद इमरजेंसी वार्ड में मरीज को ईलाज के बाद जमीन पर ही छोड़ दिया जाता है।

आखिर करे भी तो क्या? आपात स्थिति में कई बार मरीजों की स्थिति बेहतर होने तक जमीन पर भी इलाज किया जाता है, बाद में मरीज को वार्ड में स्थानांतरित कर दिया जाता हैं। ताजा मामला शुक्रवार का है, जब पड़ोसी से पैसा मांगने को लेकर उपजे विवाद के बाद मारपीट में घायल भकुरा निवासी स्व गोरख राम के पुत्र देव कुमार राम ईलाज कराने जिले के सबसे बड़े आइएसओ से प्रमाणित आरा सदर अस्पताल पहुंचे। जहा उन्हे ईलाज के बाद जमीन पर लिटा दिया गया।

जैसा कि आरोप घायल भकुरा निवासी स्व गोरख राम के पुत्र देव कुमार राम की पत्नी लगा रही है। हालांकि इस संबंध में सदर अस्पताल के सिविल सर्जन से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई पर लाख कोशिशों के बावजूद उनसे संपर्क नही हो सका।

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