बिहार में मठ-मंदिरों की बेची जमीन वापस लेगी सरकार

मठ-मंदिरों की जमीन अब महंत या सेवादार के नाम से नहीं होगी। जिस भगवान का मठ या मंदिर है,

Update: 2022-03-14 16:00 GMT

मठ-मंदिरों की जमीन अब महंत या सेवादार के नाम से नहीं होगी। जिस भगवान का मठ या मंदिर है, वही इष्टदेव जमीन के मालिक होंगे। जमीन के मालिक की जगह भगवान का नाम लिखा जाएगा। मठ-मंदिर की जमीन बेचने का अधिकार भी समाप्त किया जाएगा। कोई भी महंत या सेवादार जमीन नहीं बेच सकेंगे। जो जमीन अभी तक बेची गई है, वह सारी जमीन भी वापस ली जाएगी। सरकार इसको लेकर जल्द ही कानून में संशोधन लाने जा रही है। इसके साथ ही राज्य में जमीन का नक्शा भी आनलाइन मंगवाया जा सकेगा। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने सोमवार को विधानपरिषद में यह बातें कहीं।

विभागीय बजट पर सामान्य वाद-विवाद के दौरान मंत्री ने कहा कि जमीन से होने वाली आय से मठ-मंदिरों का विकास किया जाएगा। यह भी व्यवस्था की जाएगी कि मठ-मंदिरों की जमीन पर सिर्फ धार्मिक काम ही हों। दूसरे काम के लिए इस जमीन का इस्तेमाल न किया जाए। मठ-मंदिरों के साथ वक्फ बोर्ड की जमीन भी देखी जाएगी। अगले वित्तीय वर्ष में बंटवारे को लेकर कानून में संशोधन का प्रस्ताव भी सदन में लाया जाएगा।
आनलाइन मंगवा सकेंगे नक्शा, किसानों से खरीदी जाएगी जमीन
मंत्री ने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य होगा जहां नक्शा मंगाने की आनलाइन सुविधा दी जाएगी। देश या विदेश कहीं से भी आनलाइन आवेदन कर नक्शे की प्रति मंगाई जा सकेगी। भूमिहीन गरीबों के लिए जहां जमीन उपलब्ध नहीं है, वहां एमवीआर रेट पर किसानों से जमीन खरीदकर गरीबों के बीच बांटी जाएगी। इसके अलावा वंशावली की भी आनलाइन व्यवस्था होगी। इसके लिए आवेदक वंशावली को सेल्फ अटेस्टेड कर आनलाइन आवेदन करेगा। दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राजस्व कर्मचारी को भी इसका अधिकार दिया जाएगा। अभी तक जमीन नापी करने आने वाले लोगों से नक्शा मांगा जाता था जिसके बदले पैसे भी खर्च करने पड़ते थे। अब सभी अंचल कार्यालयों में नक्शे की दो-दो प्रति पहुंचा दी गई है। अमीन खुद फीता और नक्शा लेकर जाएंगे और जमीन की नापी करेंगे। सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर भी तीन माह का अभियान चलेगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों व प्रमंडलीय आयुक्तों को पत्र लिखा गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानपरिषद में कहा कि सर्वे सेटलमेंट का काम पूरा होगा तभी भूमि विवाद के मामले घटेंगे। राज्य सरकार इसके लिए फ्रेश सर्वे सेटलमेंट करा रही है। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के बजट पर वाद-विवाद के दौरान राजद सदस्य रामचंद्र पूर्वे के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने यह बातें कहीं। जदयू सदस्य नीरज कुमार ने पटना शहर में सिर्फ एक व्यक्ति के पास 43 बीघा से अधिक जमीन होने का मामला उठाया। इसके लिए लैंड सिलिंग एक्ट में संशोधन का सुझाव भी दिया जिसपर मंत्री ने कहा कि वह इसपर विचार करेंगे।


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