बिहार | मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद समेत विभिन्न 20 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दे दी है. आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने अभियोजन (मुकदमा चलाने) के लिए राज्यपाल से अनुमति मांगी थी. मालूम हो कि एसवीयू ने नवंबर 2021 में इस संबंध में कार्रवाई कर इनके ठिकानों पर छापेमारी भी की गई थी.
इस संबंध में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने एसवीयू के एडीजी को पत्र लिखकर सूचित किया है. इसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा मगध विश्वविद्यालय और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अधिकारियों के नाम हैं. इनमें मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन वित्त पदाधिकारी प्यारे मोहन सहाय, तत्कालीन कुलसचिव सिद्धीनाथ प्रसाद यादव, वित्तीय सलाहकार ओमप्रकाश समेत उस दौरान कार्यरत जितेंद्र कुमार, कौलेश्वर प्रसाद, धर्मेंद्र त्रिपाठी, पुष्पेंद्र कुमार वर्मा तथा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के तत्कालीन वित्त पदाधिकारी सुशील यादव और तत्कालीन कुलसचिव धीरेंद्र सिंह शामिल हैं.
मालूम हो कि छापेमारी में पूर्व कुलपति के गोरखपुर स्थित इनके घर से दो करोड़ रुपये से अधिक कैश बरामद किए गए थे. परंतु इस मामले में कुलपति के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति राजभवन से नहीं मिली थी. तत्कालीन वीसी पर कोई कार्रवाई नहीं होने से इसका लाभ इस केस में आरोपित बनाए गए 24 से अधिक लोगों को भी मिल रहा था. इस मामले में अब तक जांच एजेंसी ने दो चार्जशीट दायर की है. पहली चार्जशीट में अभियुक्त बनाए गए तत्कालीन रजिस्ट्रार समेत चार मुख्य अभियुक्त ही अबतक जेल जा सके हैं, लेकिन दूसरी चार्जशीट में आरोपी बनाए गए दो दर्जन से अधिक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.