कटिहार न्यूज़: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में सीनेट की 23वां अधिवेशन कई मायने में विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए कई सवाल छोड़ गया. सीनेट की बैठक में मुख्य रूप बजट की कॉपी सदस्यों को 24 घंटे पूर्व उपलब्ध कराए जाने पर सदस्यों की खासे नाराजगी देखी गई. सदस्यों को उपब्ध कराए गए कुलपति के अध्यक्षीय अभिभाषण की प्रति में कई अशुद्धियां भी चर्चा में रही.
सीनेट की बैठक में एमएलसी डॉ संजीव कुमार सिंह, कैप्टन गौतम कुमार द्वारा संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों को शोध पर्यवेक्षक बनाने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि संबद्ध कॉलेजों के वैसे शिक्षक जो सेवा सामंजित हैं और पर्यवेक्षक बनने के मानक को पूरा करते हैं उन्हें पर्यवेक्षक बनाया जाए. इससे विश्वविद्यालय में शोध की संख्या बढ़ेगी. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए संबद्ध कॉलेज के शिक्षकों को विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर नियुक्त कर काम की गति को तेज करना चाहिए. डॉ. संजीव कुमार सिंह और गौतम कुमार की मांग को सभी ने समर्थन भी किया. एचएस कॉलेज की बदहाली पर जमकर हुई चर्चा बीएनएमयू में सीनेट की बैठक में सदस्यों ने जहां कुलपति के कार्यों की सराहना की वहीं, कई कॉलेजों की बदहाली पर दुख व्यक्त किया. सदस्यों ने एचएस कॉलेज उदाकिशुनगंज की जर्जर हालत को शैक्षणिक दिशा में रोड़ा बताया. मनीषा रंजन, डॉ. अरुण कुमार यादव, भावेश कुमार सहित अन्य सदस्यों ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कुलपति को इसपर संज्ञान लेने का आग्रह किया. एमएलसी अजय सिंह ने कहा कि मुझे सिर्फ 24 घण्टे पहले ही बजट की कॉपी उपलब्ध कराई कई गई हैं, मैंने ठीक से पढ़ा भी नहीं. एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने एकेडमिक सीनेट आयोजित करने पर विशेष बल दिया. कहा कि 2022 में आयोजित बैठक में एकेडमिक सीनेट करने का आश्वासन मिला था लेकिन एक साल बीतने के बाद भी इस पर पहल नहीं हुई.