गया: ब्रह्मयोनि पहाड़ी पर लगी आग, बहुत एतिहासिक और धार्मिक महत्व हैं ब्रह्मयोनि पहाड़ी का

Update: 2022-04-06 08:40 GMT

सिटी न्यूज़: गया नगर की दक्षिणी सीमा पर स्थित ब्रह्मयोनि पहाड़ियों पर बुधवार की सुबह कतिपय शरारती तत्वों ने आग लगा दी । सूखे होने से झाड़ियाँ धू धू कर जलने लगी। आग बचे खुचे पेड़ों को भी झुलसा दे रही हैं ।जिनसे उन्हें काटना आसान हो जाए। प्रत्येक वर्ष अपराधियों द्वारा यह किया जाता है। जिससे हरियाली समाप्त हो जा रही है और जंगली पौधों के जो बीज मिट्टी में गिर जाते हैं और अगले वर्ष वर्षा ऋतु में अंकुर कर नये पौधे बनते हैं वो जल जा रहे हैं। वर्षा ऋतु में सारी मिट्टी बह कर अपने पीछे कंकड़ पत्थर छोड़ जाती है। होली में अगजा के नाम पर झाड़ियों को जलाने के षड्यंत्र होते रहा हैं।जो इस वर्ष वन विभाग की चौकसी से नहीं हुआ ।

ब्रहमयोनि पर्यावरण क्लब के संस्थापक और मुंगेर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो रणजीत वर्मा बताते हैं कि सिंगरास्थान से मंगलागौरी के पहाड़ी के रास्ते ही नहीं अपितु मंगलागौरी की ओर के ढलान कंकड़ पत्थर में तब्दील हो चुके हैं , अब पहाड़ी की उत्तरी ढलान पर ख़तरा हैं। पिछली बरसात में सिंगरास्थान तालाब के उत्तर भूस्खलन से एक बड़ा चट्टान नीचे सड़क पर आकर गिरा। जो अभी भी वहीं पर फंसा है। इस तरह की आगजनी से भू जल सूखता है, जल स्तर नीचे जाता है और उपर से चट्टानों के खिसकने का भय उत्पन्न हो रहा है

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