बिहार शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के किसानों को 75 हजार मधुमक्खी बक्से और छत्ते दिए जाएंगे. कृषि विभाग ने इसके लिए 24 करोड़ 46 लाख राशि जारी कर दी है.
शहद उत्पादन में राज्य अभी देश में 11वें स्थान पर है. करीब पचास हजार लोग इससे जुड़े हैं. वर्ष 2023-24 योजना के लिए डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. बक्से के साथ ही मधुमक्खी पालक को छत्ता भी उपलब्ध कराया जाएगा. छत्ते में रानी, ड्रोन और वर्कर्स के साथ आठ फ्रेम होंगे. सभी फ्रेमों की भीतरी दीवार मधुमक्खियों और ब्रूड्स से पूरी तरह से ढंकी होगी. इसके अलावा शहद निष्कासन के लिए मधु निष्कासन यंत्र भी अनुदान पर दिए जाएंगे. मधु निष्कासन यंत्र और फ्रूड ग्रेड कंटेनर की इकाई लागत 20 हजार रुपये है. इसका लाभ कम से कम 100 बक्से लेने वाले किसानों या किसान समूहों को दिया जाएगा. योजना का लाभ डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार ही दिया जाएगा. योजना के अनुसार मधुमक्खी बक्से की लंबाई 20.25 ईंच और चौड़ाई 16.25 ईंच होगी. बक्से में बॉटम बोर्ड, ब्रूड चैंबर, सुपर चैंबर, क्वीन एक्सक्लूडर, इनर कवर, टॉप कवर, फ्रेम बॉक्स, स्टैंड भी रहेंगे. एक बक्से और छत्ते की लागत 2000- 2000 रुपये है. राज्य में इससे पहले राष्ट्रीय बी कीपिंग एंड हनी मिशन के तहत 17 जिलों में शहद उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
मुजफ्फरपुर को 5300 बक्से इस बार मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 5300 बक्से और छत्ते दिए जाएंगे. वैशाली जिले में 3700, खगड़िया और भागलपुर में 3000, मुंगेर और मधेपुरा में 2900, बेगूसराय में 2700, बक्सर में 2600, कटिहार में 2500, सारण और कैमूर में 2300, समस्तीपुर में 2200, पूर्णिया में 2100 बक्से और छत्ते दिए जाएंगे. वहीं सबसे कम रोहतास और सुपौल में 600 बक्से दिए जाएंगे.