गांधी मैदान बम धमाके का दोषी इफ्तेखार आलम जेल से रिहा, ये है वजह
राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले (Gandhi Maidan Bomb Blast Case) में दोषी इफ्तेखार आलम को गुरुवार को जेल से रिहा कर दिया गया है.
जनता से रिश्ता। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले (Gandhi Maidan Bomb Blast Case) में दोषी इफ्तेखार आलम को गुरुवार को जेल से रिहा कर दिया गया है. गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले मामले में सभी 9 आतंकियों को एनआईए (NIA) की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. ब्लास्ट मामले में चार आतंकी को फांसी की सजा, दो आतंकी को उम्रकैद और दो को 10-10 साल की सजा मिली थी. जबकि इफ्तेखार आलम को 7 साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि वह उससे अधिक समय से जेल में बंद था, लिहाजा जेल प्रशासन ने उसे रिलीज कर दिया है. जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि दोषी को रिहा कर दिया गया है.
दरअसल, एनआईए की विशेष न्यायालय ने इफ्तिखार को 7 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन इफ्तेखार आलम सजा से ज्यादा समय जेल में गुजार चुका है. जिस वजह से उसके द्वारा बुधवार को विशेष न्यायालय में 10 हजार की जुर्माना राशि जमा कर दिया गया था. जिस वजह से न्यायालय द्वारा निर्देश प्राप्त होने के बाद जेल प्रशासन ने उसे रिलीज कर दिया है. वह अपने घर (रांची) के लिए रवाना हो गया है. दरअसल, दोषी इफ्तेखार आलम की ओर से आवेदन दाखिल किया गया था कि जिसमें कहा गया था कि उसे 7 वर्षों की सजा हुई है जबकि उसने अधिक समय से जेल में बंद है.
न्यायालय द्वारा सजा मुकर्रर होने के बाद दोषी इफ्तेखार कल ही छूट जाता. लेकिन संशोधित दंड प्रक्रिया की धारा चार सौ अठाईस का अनुपालन करते हुए दोषी ने जुर्माना की राशि अदा नहीं की थी. जिस वजह से उसे कल नहीं छोड़ा गया था. वहीं, कोर्ट से सजा का ऐलान होने के बाद दोषी इफ्तेखार आलम ने विशेष अदालत में आवेदन दाखिल किया था कि उसे सात वर्षों की सजा हुई है जबकि उसने सजा से अधिक दिनों से जेल में बंद है. लेकिन इसके बाद भी जेल के अधिकारी की ओर से उसे मुक्त नहीं किया गया है. इस आवेदन के बाद बेऊर जेल प्रशासन ने गुरुवार को इस्तेखार को रिहा कर दिया है.
बता दें कि एनआईए कोर्ट ने इस्तेखार आलम को साक्ष्य छुपाने के आरोप में 7 साल की कैद और दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. जबकि दोषी 7 साल 1 माह न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल में समय गुजर चुका था. दोषी इफ्तिखार आलम पर आरोप था कि उसने मृत आतंकी तारीख के घर छापेमारी करने से पहले विस्फोटक पदार्थ को हटा दिया था.
वहीं, दोषी ठहराए गए अहमद हुसैन और फिरोज आलम को विस्फोटक अधिनियम के तहत 10-10 साल की कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. इनकी गिरफ्तारी 2014 में की गई थी. तभी से यह दोनों न्यायिक हिरासत में जेल में सजा काट रहे हैं. ऐसे में यह दोनों भी 7 साल जेल में बिता चुके हैं और 3 साल बाद ये दोनों भी जेल से रिहा हो सकते हैं.
गांधी मैदान बम ब्लास्ट के दोषी इफ्तेखार आलम 11 जून 2014 से इस मामले में जेल में बंद था. जबकि न्यायालय द्वारा उसे 7 वर्षों की कैद और दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर एक महीने की अलग से सजा भुगतने का आदेश दिया गया था. दरअसल, जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर एक महीने की अलग से सजा भुगततान का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया था.