बिजली बिल जमा करने के नाम पर ठगी

झारखंड में बिजली बिल वसूली के नाम पर बिहार का साईबर अपराधी सक्रिय है

Update: 2022-08-20 08:01 GMT
Ranchi : झारखंड में बिजली बिल वसूली के नाम पर बिहार का साईबर अपराधी सक्रिय है. बिहार के मोतिहारी, लखीसराय सहित कई अन्य जिलों के साईबर अपराधी लोगों की गाढ़ी कमाई में सेंध लगा रहे है. इसका खुलासा पुलिस जांच में पता चला है. झारखंड सीआईडी की साईबर क्राईम थाना को इस बात की जानकारी मिली है. वही पुलिस टीम बिहार के मोतिहारी जिले के बंजरिया थाना क्षेत्र स्थित चेलाहा निवासी मो अख्तार अंसारी (29) पिता मकबूल अंसारी को गिरफ्तार करते हुए दो मामले का खुलासा किया है. आरोपी 22 जून को जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के 60 वर्षीय बुजूर्ग महिला मकियस डुगडुग से बिजली बिल भुगतान नही किये जाने का झांसा देकर एलपेमिक्स एप इन्सटॉल कराते हुए 12.9 लाख रुपये और 13 दिसम्बर 2021 को अरगोड़ा थाना क्षेत्र के 62 वर्षीय ओम प्रकाश अम्बस्ट से बीएसएनएल सिम डिएक्टिवेट कराने के नाम पर 3.87 लाख रुपये ठगी कर लिया था. आरोपी के पास से 31 डेबिड और केडिट कार्ड, एक पासपोर्ट और तीन मोबाईल बरामद किया है.
परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर चलाता था गिरोह
पुलिस गिरफ्त में आये अपराधी मो अख्तार अंसारी करीब पांच वर्षो से साईबर ठगी का काम करता है. मो अख्तार अंसारी चार भाई है, जो साईबर अपराधी में शामिल है. आरोपी के अन्य परिजन भी गिरोह में संलिप्त था. खुद का एक गिरोह बनाकर लोगों से ठगी करता था. पुलिस गिरोह में शामिल सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है. आरोपी झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के नाम पर विद्युत उपभोक्ताओं को मैसेज व्हाट्सएप कर बिजली डिस्कनेक्शन का का गलत संदेश भेजकर झांसे में लेकर स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन जैसे एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट इत्यादि इंस्टॉल करा कर ठगी करने का काम करता था. साथ लोगों को मोबाइल नंबर डिएक्टिवेट होने के नाम पर विभिन्न नंबरों से कॉल करता था, और मोबाइल नंबर एक्टिवेट करने का झांसा देकर एटीएम कार्ड का नंबर लेकर ठगी करता था.
इस अपराध से बचने के तरीके
-इस तरह के मैसेज के झांसे में ना आकर उन में दर्शाया मोबाइल नंबरों पर संपर्क ना करें एवं इस संबंध में झारखंड विद्युत निगम लिमिटेड के वेबसाइट पर सत्यापन करने के लिए दर्शाए गए टोल फ्री नंबर 1800456570 या ईमेल आईडी contactus@jbvnl.co.in पर संपर्क स्थापित कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
-इस प्रकार के मोबाइल नंबर को डीएक्टिवेट होने के मैसेज अथवा फोन कॉल के झांसे में ना आते हुए किसी प्रकार की वित्तीय संस्थाओं से संबंधित अपनी गोपनीय जानकारी मोबाइल फोन द्वारा साझा ना करें.
-फिर भी यदि आम नागरिक साईबर ठगी के शिकार होते हैं तो त्वरित कार्रवाई के लिए नागरिक सुरक्षा मंच पर http://www.cybercrime.gov.in पर फर्म करेगे, अथवा टोल फ्री नंबर 1930 पर संपर्क कर ठगी संबंधी जानकारी साझा करना सुनिश्चित करेंगे. जिससे ठगी की गयी रकम वापसी के लिये आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
News Wing

Similar News

-->