मोतिहारी: पताही प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बागमती नदी में उछाल से पदुमकेर उत्क्रमित उच्च विद्यालय के पास दूसरे दिन भी पानी का तेज बहाव हो रहा है. जिससे विद्यालय का शिक्षण कार्य बन्द रहा.
तीसरे दिन भी मोतिहारी- शिवहर मुख्य मार्ग पर का़फी पानी होने से आवागमन बाधित है. पानी धीरे धीरे प्रखंड के दक्षिणी क्षेत्र में पहुंच गया है. जिससे बेतौना, खुटौना, कोदरिया आदि गावों के निचले इलाके में बाढ़ का पानी ़फैल गया है. कोदरिया नाला पर बने लोहे के जर्जर पुल के नीचे से भारी वाहनों के आने जाने के लिए बना डायवर्सन बाढ़ की पानी से बह गया है. जिससे लोगो को आवागमन में का़फी परेशानी हो रही है . ग्रामीण विवेक पाण्डेय,राजेश महतो,दशरथ चौरसिया,तुलु भगत,विनोद पाण्डेय आदि ने बताया कि पूर्व मे बने लोहे का पुल का़फी जर्जर हो चुका है . जिससे साइकिल, बाइक व पैदल यात्री तो जा सकते हैं पर बड़े व भारी वाहन के चढ़ने से कभी भी हादसा हो सकता है. डायवर्सन बाढ़ के पानी मे बह जाने से इस मार्ग से गाड़ियों का परिचालन बन्द हो गया है. नेपाल मे भारी बारिश के कारण नेपाल से निकलने वाली नदी लालबकेया व बागमती नदी के को खतरे का निशान पार कर जाने के कारण मोतिहारी शिवहर मुख्य मार्ग पर पानी भर गया है. देवापुर-बेलवा बांध के टूटे तटबंध से कई गावों में बाढ़ का पानी ़फैल गया था जिससे जिहुली का सम्पर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया था . दूसरे दिन जलस्तर में कमी होने के कारण पदुमकेर से होकर जाने वाली मुख्य सड़क से पानी उतर गया है जिससे आवागमन शुरू हो गया है.
भंडार से जिहुली जाने वाली सड़क में कई जगह ढाला बने हैं जिसपर दूसरे दिन भी पानी बह रहा है. जिहुली गांव के घरों से पानी निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली. नारायणपुर, पदुमकेर, जरदहा, गुजरौल ़गमहरिया आदि गावों मे जाने वाली सड़कें जो पानी के बहाव से अवरुद्ध थी वह सुचारु हो गई है. अभी भी निचले इलाके व खेत में पानी भरा हुआ है. इस संबंध मे पकड़ीदयाल एसडीओ कुमार रविंद्र ने बताया कि बाढ़ व नदी की स्थिति पर हमेशा नज़र है . किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सक्षम है.