धान की रोपनी कर रहे किसानों को यूरिया व अन्य खाद की है आवश्यकता

Update: 2023-07-08 10:30 GMT

गोपालगंज न्यूज़: जिले को इस खरीफ सीजन 2023-24 में आवश्यकता से 2311 मीट्रिक टन कम यूरिया मिली है. जबकि, खेतों में धान के पौधों की रोपनी कर रहे किसानों को यूरिया व अन्य खाद की सख्त जरूरत है.

जिले को कम आवंटन मिलने को लेकर कुछ क्षेत्रों में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. उधर, जिला कृषि विभाग ने खाद का आवंटन आवश्यकतानुसार करने को लेकर सरकार व कंपनी को पत्र भेजा है. जहां से जल्द ही जिले के लिए रैक पहुंचने की बात बतायी गयी है. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जुलाई महीने तक खरीफ सीजन में जिले को 10 हजार 381 एमटी यूरिया की जरूरत है. इसके विरूद्ध जिले को अबतब 8070 एमटी यूरिया मिली है. यानि 20 प्रतिशत कम यूरिया मिली है. इसके अलावा जिले को डीएपी, एनपीके, एमओपी व एसएसपी खाद भी काफी कम और न के बराबर मिली है. रिपोर्ट के अनुसार जिले को जुलाई महीने तक 3628 एमटी डीएपी की जगह 426 एमटी खाद मिली है. इसी प्रकार 2567 एमटी एनपीके की जगह 36 एमटी खाद मिली है. जबकि, एमओपी व एसएसपी को एक छटांक भी नहीं मिली है. वैसे जिले में पहले से डीएपी, एनपीके, एमओपी व

एसएसपी खाद उपलब्ध है.

19 हजार हेक्टेयर हुई धान की खेती जिला कृषि विभाग ने इस सीजन में कुल 88 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसके विरूद्ध जिले में इस खरीफ सीजन में अबतक 19 हजार 318 हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी हो चुकी है.

वहीं, जिले में धान का बिचड़ा गिराने का लक्ष्य 96 प्रतिशत पूरा हुआ है. लक्ष्य 88 सौ हेक्टेयर भूमि के विरूद्ध 8447 हेक्टेयर भूमि में धान का बिचड़ा गिराया गया है. जिले के किसान धान की रोपनी कर उसमें जरूरत के हिसाब से खाद का उपयोग भी कर रहे हैं.

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