जंगली जानवरों से फसल बचाने को किसानों ने खोजा देसी जुगाड़

Update: 2023-02-07 12:31 GMT

मधुबनी न्यूज़: उत्तर बिहार के किसान जंगली जानवरों से बेहद परेशान हैं, जंगली जानवर किसी फसलों को नहीं बचने दे रहा है. ऐसे में भारत-नेपाल के सीमावर्ती किसनों का अनोखा तरकीब खेतों में देखने को मिल रहा हैं.फसल नष्ट करने वाले जंगली जानवरों से परेशान किसानों ने उन्हें खेतों से भगाने के लिए एक देसी जुगाड़ तैयार कर ली है.

यह फसल नष्ट करने वाले जानवरों व पक्षियों को भगाने में कारगर साबित हो रही है. किसानों का यह देसी जुगाड़ किफायती और नायाब है. सीमावर्ती इलाके के किसानों ने साइकिल के पुराने हब, स्टील की पुरानी थाली व टीन से पंखी बनाकर जानवर भगाने का जुगाड़ यंत्र खेतों में लगाया है. जो हल्की हवा के सहारे भी स्वत पंखी घूमती है और पंखी के पीछे हब से लटक रहे लोहे के नट से थाली पर बारंबार पंखी घुमने से टन टन की जोरदार आवाज निकलती रहती है. आवाज सुनकर दूर से ही फसल नष्ट करने वाले जानवर व पक्षी भाग जाते हैं.

किसान मो. आमिल, गफूर राइन, मो. हनीफ ने बताया कि जानवर भगाने का यह आइडिया दरअसल बच्चों के जेहन में आया था. बच्चों ने ही खुद से इस जुगाड़ यंत्र को बनाया है.

पहले तो इसपर यकीन नहीं हुआ लेकिन बाद भी इसके सार्थक परिणाम देखने को मिले तो अन्य किसानों को भी इस बारे में बताया. उसके बाद बच्चों की मदद से इसे कई खेतों में भी लगाया.

ग्रामीण कर रहे हैं इस जुगाड़ तकनीक की प्रशंसा पंचायत के पूर्व मुखिया दयानंद झा, शिक्षक नारायण जी मिश्र, ग्रामीण श्रवण झा व बौवन झा बताते हैं कि जुगाड़ संस्कृति के मामले में दुनिया भर में हमारी पहचान अलग है. हम अभाव में भी जुगाड़ से हर समस्या का विकल्प ढूंढ ही लेते हैं. खेतों में फसल बचाने के लिए सीमावर्ती किसानों का यह देसी जुगाड़ अदभुत है. इससे अन्य किसानों को भी को मदद मिलेगी. हरलाखी के पूूर्व मुखिया दयानंद झा ने बताया कि देसी जुगाड़ से किसानों की फसल जंगली जानवरी और पक्षियों के आतंक से बच रही है.

Tags:    

Similar News

-->