फाइलेरिया का इलाज नहीं कराने पर हो सकते हैं दिव्यांग

Update: 2023-07-15 12:20 GMT

सिवान न्यूज़: लिम्फेटिक फाइलेरियासिस यानी फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं. इसलिए सरकार ने फाइलेरिया को मिटाने का प्रयास तेज कर दिया है. इसी क्रम जिले के भगवानपुर में फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी का प्रशिक्षण

दिया गया तथा किट का वितरण किया गया. भगवानपुर हाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14 पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्य तथा 10 गैर पीएसजी सदस्यों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रूपाली रस्तोगी के द्वारा मरीजों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें, एमएमडीपी के इस्तेमाल के फायदों के संबंध में भी बताया. उन्होंने मरीजों को बताया कि एमएमडीपी किट के नियमित इस्तेमाल से मरीज हाथीपांव की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं. लेकिन इसके लिए मरीजों को स्वयं जागरूक होना होगा, तभी उन्हें हाथीपांव से राहत मिलेगी.

शुरुआती दौर में बीमारी की पहचान से इलाज संभवक्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता. लेकिन संक्रमण के लक्षण 05 से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं. इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती. महिलाओं के स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है. हालांकि, अभी तक इसका कोई समुचित इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन शुरुआत में रोग की पहचान होने पर इसे रोका जा सकता. संक्रमित होने के बाद मरीजों को प्रभावित अंगों की सफाई सहित अन्य बातों को समुचित ध्यान रखना जरूरी होता है. इस मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी रूपाली रस्तोगी, केयर इंडिया के अभिषेक कुमार, समेत अन्य रहे.

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