Bihar: स्टांप पेपर पर बदलैन दस्तावेज जमीन सर्वे में मान्य नहीं

Update: 2024-08-30 07:41 GMT

बिहार Bihar:  भूमि सर्वेक्षण: बिहार में चल रहे जमीन सर्वेक्षण को लेकर रैयतों को कई तरह की परेशानियों का of troubles सामना करना पड़ रहा है। एवं भूमि सुधार विभाग के ढांचे एवं कर्मियों में शामिल लोगों के राजस्व के समाधान में शामिल हैं। इस बीच एक सवाल उठ रहा है कि अगर स्टांप पेपर की जमीन बदल दी गई है तो ऐसी जमीन पर कब्जे वाले स्ट्रेट्स को क्या करना चाहिए। वैधानिक, भूमि सर्वेक्षण में स्टाम्प पेपर पर परिवर्तन दस्तावेज़ नहीं होगा। ऐसी स्थिति में जमीन की रजिस्ट्री करवानी होगी। इसके बाद ही इसका सर्वे किया गया।

ज्योतिषी जिलों के जाले में गुरुवार को रतनपुर और ब्रह्मपुर पूर्वी पंचायत में अमीन सावनी भारती ने लोगों के सर्वे का समाधान निकालने की कोशिश की। आम सभा में लोगों ने कहा कि इस इलाके की अधिकांश जमीनों के नाम से ही उनकी भूमि-अभिलेखों में जानकारी दर्ज है। उन्होंने कई विचारधाराओं में बंटवारा किया है। आज सभी हिस्सों पर अपने-अपने हिस्सों की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। पूर्व में राजस्व कर्मचारियों के भाव में जमीन ऐसी कई है, जिनकी अभी तक बर्खास्तगी नहीं हुई है। इसलिए ऐसी जमीन की लगन रसीद भी नहीं कटती है। ऐसी जमीन का सर्वे कैसे होगा।

अमीन ने बताया कि अगर किसी की जमीन उसके पूर्वज के नाम से है। तो, ऐसी स्थिति में झील को प्लॉट-2 के साथ-साथ अखबार-3 (1) को भी भरना होगा। बता दें कि प्रारूप-2 एक स्वघोषणा पत्र है, इसमें जमीन से जुड़ी हुई जानकारी शामिल है। अगर भू-स्वामी इस दुनिया में नहीं हैं तो उनका यह पद यह दस्तावेज भर सकता है। वहीं, कैटलॉग-3 में वंशावली की जानकारी खुद से जुड़ी हुई है। इसके लिए आपको पंचायत या किसी भी राजवंशी से वंचित की आवश्यकता नहीं है।

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