दूसरे के नाम से एलपीसी बनाने वाले कर्मचारी की गयी नौकरी

Update: 2023-08-05 04:47 GMT

नालंदा: भूमि विवाद के कारण समाज में नफरत फैला रहा है. यही कारण है कि डीएम ऐसे मामलों को काफी गंभीरता से लेते हैं. भूमि विवाद को बढ़ावा देने वाले चाहे सीओ हों अथवा राजस्व कर्मचारी या अन्य, सख्त कार्रवाई से नहीं हिचक रहे हैं. ताकि, इससे सबक लेकर अन्य सीओ व कर्मचारी गलत करने के पहले सौ बार सोचें. बावजूद, कुछ कर्मी इतने बेखौफ हैं कि नौकरी जाने का भी भय उन्हें गलत करने से नहीं रोक रहा. ऐसे एक मामले में डीएम शशांक शुभनकर ने थरथरी प्रखंड के राजस्व कर्मचारी हरेश नारायण साहू को सेवा से छुट्टी दे दी है.

उन्होंने बताया कि रैयती जमीन को दूसरे व्यक्ति के नाम से फर्जी तरीके से एलपीसी (भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र) बनाने के आरोप में थरथरी के राजस्व कर्मचारी हरेश नारायण साहू को वृहत दंड के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिया गया है. राजगीर में पदस्थापित रहने के दौरान भी इन्होंने भूई के एक रैयत की जमीन का खाता-खेसरा व रकबा किसी अन्य व्यक्ति के नाम से अंकित कर दिया गया था. साथ ही, फर्जी तरीके से अन्य व्यक्ति के नाम से भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) बना दिया था.

मामला संज्ञान में आने के बाद आरोपी राजस्व कर्मचारी के खिलाफ प्रपत्र ह्यकह्ण गठित कर विभागीय कार्यवाही की गयी थी. राजगीर के डीसीएलआर व अंचलाधिकारी द्वारा विभागीय कार्यवाही की गयी. विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया में आरोपी राजस्व कर्मचारी द्वारा भी पक्ष रखा गया. विभागीय जांच के क्रम में उनके द्वारा की गई अनियमितता सही पायी गयी. विभागीय कार्यवाही के आलोक में राजस्व कर्मचारी को वृहत दंड दिया गया. इसके तहत तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड अधिरोपित किया गया.

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