नेपाल में भारतीय नोट नहीं लेने से सीमावर्ती बाजार पर असर

Update: 2023-08-10 06:30 GMT

नालंदा: भारत और नेपाल के बीच सदियों से गहरा संबंध रहा है. दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का रिश्ता माना जाता है, लेकिन इस रिश्ते पर ग्रहण लगना शुरू हो गया है.

नए नियम के अनुसार नेपाल की अधिकृत सीमा भंसार पर भारत से खरीदगी कर ले जाए जाने वाले सौ रुपये से अधिक के सामान पर सीमा शुल्क वसूला जा रहा है. नेपाल के अंदर भारतीय रुपये भी नहीं लिए जा रहे हैं. इस वजह से इन दिनों व्यापार और बेटी-रोटी के संबंध पर भी असर पड़ रहा है. नेपाल में भारतीय रुपए का मूल्य लगातार कम होता जा रहा है. सरकारी कार्यालयों से लेकर दुकानों तक में अब भारतीय नोट नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में भारत से नेपाल जाने वाले लोगों को नेपाल में नोट एक्सचेंज करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पहले भारतीय एक सौ रुपये के बदले 160 से 162 रुपये तक नेपाली नोट दिया जाता था. अब वहां पर मनमानी की जा रही है. अब 150 रुपए दिया जा रहा है. पहले भारतीय पांच सौ रुपये का नेपाल में 800 रुपए नेपाली नोट दिया जाता है अब 700 रुपए दिया जा रहा है. भारतीय नोट इन दिनों नेपाल के कोई भी दुकानदार लेना नहीं चाहते हैं.

नेपाली नागरिकों को भारत में खरीदारी करना मुश्किल

नेपाल के राजविराज निवासी रंजीत कुमार दास ने बताया कि अब भारतीय भाग में मार्केटिंग करना मुश्किल हो गया है. पहले भारतीय भाग आने जाने में सुलभ था, लेकिन अब तो भारतीय भाग प्रवेश करने पर एसएसबी द्वारा नागरिकता देखी जाती है. इसके बाद ही प्रवेश की अनुमति मिलती है. रूपणी के दीपा श्रेष्ठ ने बताया कि भारतीय बाजार में दैनिक उपयोग का सामान सस्ता मिलता था इसी वजह से कुनौली बाजार खरीदारी करने के लिए आते थे, लेकिन अब परेशानी हो रही हे.

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