बिहार | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सचिवालयों के औचक निरीक्षण का व्यापक असर देखने को मिला है. विकास भवन और विश्वेश्वरैया भवन स्थित विभागों में मंत्री और अधिकारी समय पर कार्यालय में दिखे. विकास भवन में ज्यादा चहल-पहल रही. दूसरे दिन सभी विभागों में अधिकारी से लेकर कर्मी तक अपने कार्यों को निपटाने में जुटे दिखे. मुख्यमंत्री के निरीक्षण को लेकर हर तरफ चर्चा रही, पता नहीं सर कब और किस दिन पहुंच जाएं.
मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान शहर से बाहर रहे कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत पूरे दिन कार्यालय में डटे रहे. निर्धारित समय पर विकास भवन सचिवालय स्थित अपने कार्यालय पहुंच गए. उनके साथ विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मी भी पूरी तन्मयता से रोजमर्रा के काम निपटाने में जुटे हुए थे. मीठापुर स्थित कृषि भवन में मौजूद अधिकारी और कर्मचारी भी चर्चा करते रहे. इसी तरह उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में भी मंत्री सुनील कुमार से लेकर सभी अधिकारी मौजूद थे. इस विभाग के मंत्री मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान भी समय पर विभाग में पाए गए थे. गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने जमुई गए हुए थे. उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ भी मधुबनी में क्षेत्र प्रवास पर हैं.
समय से पहले विभाग पहुंचे शिक्षा मंत्री
मुख्यमंत्री के निरीक्षण में कई विभागों के मंत्री और आलाधिकारी अनुपस्थित पाए गए थे. मुख्यमंत्री सबसे पहले साढ़े नौ बजे शिक्षा विभाग पहुंचे थे. उसका असर यह रहा कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर तय समय से छह मिनट पहले 9.24 बजे ही विभाग में पहुंच गए थे. इसके अलावा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव समेत तमाम आलाधिकारी भी साढ़े नौ बजे के पहले अपने-अपने कक्ष में पहुंच चुके थे. विभाग में पूरे दिन इसकी चर्चा भी रही कि आज दो-चार मिनट की भी देरी किसी पदाधिकारी को विभाग आने में नहीं हुई.
पांच मिनट पहले पहुंचे भवन निर्माण मंत्री
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी विश्वेसरैया भवन स्थित कार्यालय कक्ष में सुबह 9.25 बजे सुबह ही पहुंच गए. वे वहां करीब एक घंटे तक रहे और फिर अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए. कार्यालय कक्ष में मंत्री की मौजूदगी के पूर्व ही विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की भी उपस्थिति हो चुकी थी.