बैंकों के रवैये से जिले में उद्योग धंधों के विकास पर लग रहा ग्रहण

बैंक को लाभुक संग रखना होगा सहयोगत्मक रवैया

Update: 2023-08-25 07:28 GMT

बेगूसराय: जिले में उद्योग-धंधे को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई ऋण योजनाएं लाई है. लेकिन, लाख प्रयास के बावजूद लाभुकों को ऋण मिलने में कठिनाई हो रही है.

उद्योग विभाग की ऐसी ही योजना है प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना यानी पीएमएफएमई. इस योजना में खाद्य पदार्थ के मैन्युफैकचरिंग के लिए ऋण दिए जाते हैं लेकिन लक्ष्य के अनुपात में इसमें अब तक काफी कम लाभुकों को ही इस योजना का लाभ मिल सका है.

पीएमएफएमई योजना की बात करें तो लक्ष्य के अनुपात में अब तक 18 लोग को ही इस योजना का लाभ मिल सका है. 31 मार्च 2024 तक इस योजना के तहत 331 लोगों को ऋण उपलब्ध कराना है लेकिन अब तक मात्र 60 लोगों का ही ऋण स्वीकृत हुआ है. जबकि, अब तक जिला उद्योग केंद्र से 207 आवेदन जिले के विभिन्न बैंकों को भेजे गए हैं. ज़्यादातर आवेदन दूध से बनने वाले खाद्य सामान, पशु चारा, आटा-बेसन मिल, मशाला उद्योग व शहद उद्योग से जुड़ा है. एलडीएम मोती साह ने बताया कि बैंक का रवैया सकारात्मक रहता है. जान-बूझकर किसी लाभुक को परेशान नहीं किया जाता.

पर कई कागजी कार्य लाभुक पूरे नहीं करते जिस कारण ऋण स्वीकृत नहीं किये जाते हैं. सिर्फ सब्सिडी लेने को लेकर आवेदन भर दिए जाते हैं पर धरातल पर काम नहीं दिखता. जबकि, सभी बैंक अपनी तरफ से ऋण स्वीकृत कर रहे हैं. 191 पेंडिंग आवेदन में से 51 स्वीकृत कर दिए गए हैं. बैंक के साथ लाभुक और उद्योग विभाग अधिकारियों की आमने सामने बैठक होगी जिसमें ऐसी परेशानी को दूर कर लिया जाएगा.

बैंक को लाभुक संग रखना होगा सहयोगत्मक रवैया

जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक पंकज कुमार ने बताया कि बैंक को लाभुक के साथ थोड़ा सहयोगत्मक रवैया रखना होगा. ऋण आवेदनकर्ता नये लोग हैं. बहुत बातों की जानकारी नहीं होती. नये उद्यमी हैं लेकिन जल्द ही वे सब बातों को समझने लगते हैं. जरुरत है कि शुरूआती दौर में उनको सहयोग किया जाए. साथ ही, उद्यमी को भी सोचना होगा कि ऋण लेकर व्यवसाय करें और बैंक का पैसा ससमय लौटायें.

लाभुकों को बैंक का लगाना पड़ रहा चक्कर

ससमय ऋण नहीं मिलने से कई लाभुकों को बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है. बैंक कई दिनों तक उनके आवेदन पर फैसला नहीं लेता है. जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी बताते हैं कि मंसूरचक के विवेक कुमार ने नमकीन बनाने के उद्योग के लिए आवेदन दिया था पर बैंक से अब तक उन्हें ऋण नहीं मिला. वहीं, वीरपुर से 3 लोगों को अब तक ऋण नहीं मिला. बछवाड़ा की अंजलि कुमारी ने बताया कि हनी प्रोसेसिंग के लिए 4 लाख 95 हजार रुपए के लोन का आवेदन किया है लेकिन कई बार बैंक गई पर अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.

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