पूर्वी चंपारण जिले में सूखे जैसी हालात

Update: 2023-07-23 06:08 GMT

पूर्वी चंपारण: बारिश के मौसम में जिले के 27 में से 21 प्रखंड हर साल कमोबेश बाढ की चपेट होते थे,लेकिन इस साल सामान्य से कम बारिश होने और तापमान में अत्यधिक वृद्धि होने से जिले के प्राय:सभी 27 प्रखंड सूखे जैसे हालात का सामना कर रहा है।धान समेत सभी खरीफ फसलो पर संकट पैदा हो गया है।अगर दो चार दिन और मौसम की हालत ऐसी ही बनी रही तो हालात और बिगड़ सकता है।एक अनुमान के अनुसार वर्षा जल पर निर्भर जिले की खेती का लगभग 85 फीसदी पिछड़ गया है। जिससे किसानो को करोड़ो रूपये नुकसान होने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि जिले के अधिसंख्य नहरे,उप वितरणी और सरकारी नलकूप महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है।जिस कारण किसान काफी परेशानी का सामना कर रहे है।पिपरा कोठी कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक डा.नेहा पारिख ने बताया कि जिले में माॅनसून के प्रारंभिक समय जून माह में समान्य बारिश 181.1मिमी.होने के बजाय मात्र 45.8मिमी.यानी 75 फीसदी कम हुई। वही 1 जून से 21 जुलाई जिसे बारिश होने का सबसे अच्छा समय माना जाता है,उस समय समान्य बारिश 423.0 मिमी.के बजाय 154.8मिमी.ही वर्षापात हुआ यानी समान्य से 63 फीसदी कम,वही किसान रामविनय सिंह,पप्पू यादव,हरिश्चंद्र कुशवाहा व रामाश्रय भगत समेत अन्य किसान खेतो में पड़े दरार और सूखते धान,मक्का और गन्ना की फसल दिखाते कहते है,कि नहरो में पानी नही है,सरकारी नलकूप बंद है,तो निजी नलकूप में पानी का लेयर नीचे जाने के कारण पानी नही दे रहा है,ऐसे में फसल सूख रहा है।वही जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि हालात को देखते हुए 22 जुलाई से किसानो को सिंचाई के लिए डीजल अनुदान दिया जायेगा।यह अनुदान अगामी 31 अक्टूबर तक दिया जायेगा।

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