डीआरआई सूत्रों ने सोना तस्करी सिंडिकेट के बदले तौर-तरीकों का किया खुलासा
मुजफ्फरपुर न्यूज़: सोना तस्करों ने रूट और रूप दोनों बदला है. अब सोना के ठोस बिस्किट और ईंट के बजाय तरल रूप में सोना का पेस्ट लाया जा रहा है. सूडान से नेपाल के काठमांडू होकर बिहार में खेप लाई जा रही है. अब तक बांग्लादेश व म्यामांर के रास्ते पश्चिम बंगाल और असम से सोना तस्करों की इंट्री होती थी. पटना, पूणे और मुम्बई में जब्त 51 करोड़ रुपये के 101 किलो सोना के साथ विदेशी तस्करों की इंट्री बिहार के जोगबनी बॉर्डर से हुई थी.
डीआरआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी सिंडिकेट के बदले तौर-तरीकों का खुलासा किया. बताया कि सुडानी तस्करों के जोगबनी से घुसने के साथ ही डीआरआई की टीम उन पर नजर रख रही थी. डीआरआई ने सोना जब्ती को लेकर चलाए गए इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन गोल्डन डॉन’ रखा था. सूडानी तस्कर मुजफ्फरपुर के रास्ते सोना लेकर पटना गए थे, जहां से ट्रेन से मुम्बई व पूणे पहुंचे. उसे मुजफ्फरपुर में इसलिए नहीं रोका गया, क्यांकि डीआरआई इस पूरे लिंक की तह में पहुंचना चाह रही थी. इस तरह सात सूडानी सोना तस्करों की गिरफ्तारी के अलावा सिंडिकेट से जुड़े पांच अन्य लोग भी पकड़े गये. सोना का पेस्ट इस रेंज में पहली बार पकड़ा गया है. पेस्ट में 24 कैरेट की अधिकतम शुद्धता बनाए रखने का तरीका है.
सीमावर्ती जिलों तक तस्करों के नेटवर्क की तलाश अब उत्तर बिहार से लेकर सीमावर्ती जिलों तक तस्करों के नेटवर्क की तलाश हो रही है. बीते दो दशकों में पहली बार डीआरआई के ऑपरेशन में एक साथ 101 किलो सोना पेस्ट के रूप जब्त हुआ है. इसके साथ 74 लाख विदेशी करेंसी व 63 लाख भारतीय नोट भी जब्त किये गये हैं.