पुण्यतिथि पर याद किए गए बेगूसराय की राजनीति के अजातशत्रु डॉ. भोला सिंह
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बेगूसराय। बेगूसराय की राजनीति के अजातशत्रु, 50 वर्षों तक विधानसभा से लेकर लोकसभा तक आम जनमानस की सेवा के लिए सिंहनाद करने वाले भाजपा के सांसद, विधानसभा उपाध्यक्ष और मंत्री रहे डॉ. भोला सिंह को बुधवार को उनकी चौथी पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किया जा रहा है। उगते सूरज से विधानसभा पहुंचकर बेगूसराय विधानसभा और उसके बाद संसदीय क्षेत्र में पहली बार भाजपा के कमल खिलाने वाले राजनीति के योद्धा को सुबह से ही सोशल मीडिया पर तांता लगा हुआ है। डॉ. भोला सिंह के निधन के बाद उनके संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के राजनीतिक उत्तराधिकारी बने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पुण्यतिथि पर याद करते हुए कहा है कि हम सभी के संरक्षक भोला बाबू संसदीय राजनीति के सूर्य थे। बेगूसराय के राजनीतिक इतिहास में स्वर्णाक्षरों से नाम दर्ज कराने वाले पूज्य भोला बाबू को बेगूसराय के इतिहास ही नहीं, राजनीतिक इतिहास में भी याद किया जाएगा।
दूसरी ओर सोशल मीडिया से उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को याद करते हुए लोग कह रहे हैं कि भोला बाबू के प्रयास के कारण आज बेगूसराय अपने पुराने औद्योगिक स्वरुप को प्राप्त कर रहा है। तीन जनवरी 1939 को बेगूसराय के दुनही गांव में रामप्रताप सिंह के घर पैदा हुए भोला सिंह 1967 में छात्रहित के मुद्दे पर उगते सूरज का निशान लेकर विधानसभा पहुंचे और उसके बाद आजीवन पीछे मुड़कर नहीं देखा। आठ बार विधानसभा पहुंचने वाले राजनीति के इस भीष्म पितामह ने बेगूसराय में पहली बार 2000 के विधानसभा चुनाव में कमल खिलाया। उसके बाद दो बार मुश्किल हालत में भी कमल खिला कर संसद भवन पहुंचे। 2009 में नवादा लोकसभा क्षेत्र में बाहुबली पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को जोरदार पटखनी दिया। 2014 में अपने जन्मभूमि बेगूसराय के सांसद बनकर सबको हक्का-बक्का कर दिया। बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह द्वारा स्थापित औद्योगिक राजधानी बेगूसराय के ध्वस्त हो चुकी संरचना के विकास के लिए संसद भवन से लेकर प्रधानमंत्री के समक्ष तक कई बार आवाज उठाया। शीर्ष नेतृत्व से सीधे बात करने की जो अद्भुत कला उनमें थी, वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।