सिवान न्यूज़: धान खरीदारी मामले में 54 समितियों द्वारा बिना अनुमोदन के निर्धारित लक्ष्य से अधिक खरीदारी से जुड़े मामले में जिला प्रशासन द्वारा गोदाम व धान खरीद से संबंधित पंजियों की जांच के लिए गठित अधिकारियों की टीम ने अपना काम शुरू कर दिया है.
बताया जा रहा कि जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम के पदाधिकारी क्रय केन्द्रों पर गोदाम व दस्तावेजों की जांच कर इसकी रिपोर्ट डीएम को देंगे ताकि आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. इधर, जिले में सरकारी क्रय केन्द्रों पर धान खरीदारी करने वाली सभी समितियों का भौतिक सत्यापन दस दिनों के अंदर डीएम करेंगे, साथ ही इसकी रिपोर्ट खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, सहकारिता विभाग व बिहार राज्य खाद्य निगम को 25 फरवरी तक भेज देंगे. इस संदर्भ में एसएफसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने डीएम अमित कुमार पांडेय को पत्र भेजा है. खरीफ विपणन मौसम 2022-23 के तहत अधिप्राप्ति की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी होने के बाद पोर्टल पर पैक्स व व्यापार मंडल वार क्रय किए गए धान की मात्रा व भंडार स्थल भी प्रदर्शित है. इसे देखते हुए 10 दिनों के अंदर क्रय केन्द्रों का भौतिक सत्यापन कराते हुए अंतिम प्रतिवेदन उपलब्ध कराएंगे. वहीं पोर्टल पर प्रदर्शित मात्रा व भौतिक सत्यापन में पैक्स व व्यापार मंडल वार किसी तरह का अंतर होने पर डीएम को अंतिम रूप से निर्णय लेने को कहा गया गया है. अंतर के कारण में किसी तरह की अनियमितता सामने आने पर जवाबदेही निर्धारित करते हुए संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए प्रतिवेदन एसएफसी व निबंधक सहयोग समितियां को उपलब्ध कराएंगे.
130.00 मीट्रिक टन की जगह 216.50 मीट्रिक टन खरीदारी
निर्धारित लक्ष्य से सर्वाधिक धान की खरीदारी करने वाली पांच समितियों में सबसे उपरी पायदान पर निर्धारित लक्ष्य से सबसे कम खरीदारी करने वाली पांच समितियों में डीएम की कार्रवाई से हड़कंप मचा है. कई तरह की बात उभर कर सामने आ रही है. बताया जा रहा कि जिले के गोरेयाकोठी पैक्स के सतवार में धान खरीदारी का लक्ष्य 130.00 मीट्रिक टन निर्धारित था, जबकि यहां पर लक्ष्य के विरुद्ध 216.50 मीट्रिक टन धान की खरीदारी हुई है. इसी प्रकार से रघुनाथपुर के कुशहरा पैक्स में 174.00 की जगह 259.80, सिसवन के नया गांव पैक्स में 174.00 की जगह 259.80, लकड़ी नबीगंज के डुमरा में 220.00 की जगह 303.10 व दरौंदा के कोड़ारी कला पैक्स में 130.00 मिट्रिक टन की जगह 173.20 मिट्रिक टन धान की खरीदारी हुई है.