आरएसएस की साप्ताहिक शाखा मे आदिकवि वाल्मिकी जयंती- शरद पूर्णिमा पर चर्चा आयोजित
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सहरसा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में रविवार को पंचवटी चौक पर साप्ताहिक शाखा का आयोजन किया गया।इस अवसर पर मुख्य शिक्षक रतन कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में सूर्य नमस्कार मंत्र, एकात्मकता स्रोत,एकता मंत्र एवं हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया। डाॅ मुरारी कुमार ने शरद पूर्णिमा एवं आदि कवि वाल्मिकी जयंती पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी।उन्होंने कहा कि उल्टा नाम जगत जप जाना वाल्मिकी भये ब्रह्म समाना आर्थात अपने जीवन को उल्टे दिशा मे मोड़ा जा सकता है। यानी वाल्मिकी ने संदेश दिया कि घोर आसक्ति के बीच रहकर भी मनुष्य संसार से विरक्त हो सकता है।
जिस प्रकार महाकवि कालीदास के जीवन से प्रेरणा मिलती है कि मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी प्रकांड विद्वान हो सकता है। उन्होंने कहा कि रत्ना डाकू के हृदय परिवर्तित होने के बाद एक बहेलिया द्वारा एक जोड़ा पक्षी को मार देने के बाद वाल्मिकी के अंतःकरण से जो करूणा रूपी शब्द निकले वही आदि साहित्य बना।उन्होंने कहा कि आज शरद पूर्णिमा की रात अमृत की वर्षा होती है। इसलिए संघ द्वारा शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया जाता है।मिथिला मे कोजागरा तो बंगाल में लक्खी पूजा के रूप में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है।इस अवसर पर ज्ञान प्रकाश दत्त ने प्रार्थना करवाई।