पटना न्यूज़: बिहार न्यूज़ डेस्क राज्य के सभी नगर निकायों में अब नई नगर सरकार का गठन हो गया है. इन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में विकासात्मक योजनाओं को मूर्तरूप देने के लिए केंद्र की तरफ से 15वें वित्त आयोग से अबतक 766 करोड़ रुपए जारी कर दिया गया है. कुछ दिनों पहले ही ये रुपये सभी नगर निकायों के खाते में ट्रांसफर कर दिये गये हैं. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान एक हजार 892 करोड़ की राशि देने का प्रावधान रखा गया है. शेष राशि जारी नहीं के पीछे मुख्य वजह नगर निकायों की तरफ से यूसी (उपयोगिता प्रमाण-पत्र) का जमा नहीं होना है. सभी नगर निकायों के पास वर्तमान में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के खर्च का यूसी बकाया है. कई निकायों में तो ये यूसी 2002-03 से बकाया है. इनके समायोजन के लिए विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इस राशि का समायोजन नहीं हो पा रहा है. नयी नगर सरकारों के पास खर्च की गयी राशि के बकाये पड़े यूसी का समायोजन कराने का भी टास्क होगा.
सभी नगर निकायों के पास 15वें वित्त आयोग के अलावा षष्ठम राज्य वित्त आयोग के स्तर से भी एक हजार 104 करोड़ रुपये आवंटित कर दिये गये हैं. इसमें सिर्फ नवगठित नगर निकायों के खाते में 181 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इस मद से 17 नगर निगमों को 238 करोड़ 72 लाख रुपये की राशि दी गयी है. षष्ठम राज्य वित्त आयोग के स्तर से यह राशि नगर निकाय चुनाव के पहले से ही इनके खातों में पड़ी हुई है, लेकिन कार्यकाल पूरा होने और चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता से इन्हें खर्च करना संभव नहीं हो पा रहा था. इस तरह दोनों मद यानी 15वें वित्त आयोग और षष्ठम राज्य वित्त आयोग से सभी नगर निकायों के खातों में एक हजार 870 करोड़ रुपये मौजूद हैं. इस राशि की मदद से कई विकासात्मक कार्यों को गति देने में काफी मदद मिलेगी.
नगर निकायों में अटके कार्यों को मिलेगी गति
राज्य के सभी नगर निकायों में बड़ी संख्या में मूलभूत योजनाओं के कार्य लंबित हैं. अब नयी नगर सरकार का गठन होने से इन योजनाओं को गति मिल सकेगी. इस राशि से नगर क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट, कचड़ा प्रबंधन जैसी कई जरूरी कार्य भी होने हैं. नगर सरकार स्थानीय नागरिकों की जरूरतों के आधार पर योजनाओं का चयन कर कार्य करती है. पटना सरीखे बड़े नगर निगमों में सौंदर्यीकरण से लेकर स्मार्ट सिटी से संबंधित कई लंबित योजनाओं को भी नये सिरे से गति मिलेगी