दरभंगा न्यूज़: राज्य कर्मी का दर्जा देने, 10 हजार रुपए मासिक वेतन देने आदि मांगें को लेकर बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट) व बिहार राज्य आशा-आशा फैसिलिटेटर संघ के बैनर तले आशा कार्यकर्ताओं ने सिविल सर्जन कार्यालय पर आक्रोषपूर्ण धरना- प्रदर्शन किया.
उन लोगों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो वे 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी. वहां आयोजित सभा की अध्यक्षता संघ की सविता कुमारी व संचालन बिहार राज्य आशा-आशा फैसिलिटेटर संघ की संयोगिता चौधरी ने किया. मुख्य वक्ता एक्टू के जिला प्रभारी डॉ. उमेश प्रसाद साह ने कहा कि सभी आशा को पारितोषिक नहीं, राज्य कर्मी का दर्जा चाहिए. उन्होंने उन्हें 10 हजार रुपए मासिक वेतन देने, कोरोना महामारी में मृत आशाओं के घर परिवार को चार लाख रुपए मुआवजा देने, सभी आशा फैसिलिटेटर को पेंशन योजना बहाल करने की मांग की.
डॉ. साह ने कहा कि अगर ये मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य हो जाएंगी. वहीं दूसरी ओर अन्य वक्ताओं ने अस्पताल परिसर में आशा कार्यकर्ताओं के लिए रूम की व्यवस्था करने, आशाओं के भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी पर रोक लगाने आदि मांगें रखी. सभा को अनिता कुमारी, तारा देवी, रामकुमारी देवी, प्रतिभा कुमारी, रंजू झा, अनवरी बानो, बिंदु कुमारी, फोटो कुमारी, विभा देवी, अम्बिका कुमारी, अरशुन निशा, विमल देवी आदि ने भी सम्बोधित किया.
बैठक में लिए गये कई निर्णय
दलित शोषण मुक्ति मंच दरभंगा जिला कमेटी की बैठक लहेरियासराय गुदरी स्थित अंबेडकर भवन में मंच के जिलाध्यक्ष रामप्रीत राम की अध्यक्षता में हुई. बैठक में नौ अगस्त को जिला सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया. सम्मेलन का उद्घाटन मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व सांसद सुभाषिनी अली करेंगी. उससे पूर्व सभी प्रखंडों में सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया. 13 जुलाई को दलितों के मुद्दों को लेकर समाहर्ता के समक्ष बेमियादी धरना शुरू करने एवं 15 जुलाई को प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. बैठक में मंच के राज्य महासचिव श्याम भारती, राज्य कमेटी सदस्य राम सागर पासवान, जिला सचिव नीरज कुमार आदि शमिल थे.