राज्य में तेज रफ्तार वाहनों से होने वाली मौतें 115 प्रतिशत बढ़ीं

Update: 2023-05-09 08:21 GMT

पटना न्यूज़: राज्य में सड़क दुर्घटनाओं और इसमें होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण अधिक तेज वाहन चलाना है. दुर्घटना में हुई मौत में पिछले एक साल में 115 प्रतिशत वृद्धि हुई है. वर्ष 2021 में तेज वाहन से 2286 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 2284 लोगों की मृत्यु हुई. 2022 में तेज वाहन से 6049 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 4928 लोगों की जान गई. 2022 में कुल 8898 लोगों की मौत राज्य में सड़क दुर्घटना में हुई है.

राज्य में सड़क दुर्घटनाएं और उसमें होने वाली मृत्यु के कारणों को लेकर अध्ययन रिपोर्ट जारी किया गया है, जिसपर गहन मंथन पिछले दिनों बिहार सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में हुई. यातायात पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण गलत दिशा में वाहन चलाना है. गलत दिशा में चल रहे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से वर्ष 2021 में 903 तो 2022 में 1309 लोगों की मौत हुई.

शराब पीकर वाहन चलाने में 40 लोगों की गई जान

वर्ष 2022 में राज्य में शराब पीकर वाहन चलाने के कारण 71 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 40 लोगों की मौत हुई. वर्ष 2021 में इस वजह से 20 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें नौ लोगों की मृत्यु हुई थी. वहीं, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने से 2022 में 20 दुर्घटनाओं में 13 की मौत हुई. इस अवधि में आमने-सामने की टक्कर में 1591 और खड़ी गाड़ी में टक्कर से 293 की मौत हुई.

● गलत दिशा में वाहन चलाना हादसों में हुई मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह

हेलमेट नहीं पहनने से 1628 मौतें

दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनने के कारण वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटना में 1628 लोगों की मौत हुई. वहीं, चारपहिया वाहन में सीट बेल्ट नहीं लगाये रहने के कारण इस अवधि में 337 लोगों की दुर्घटना में मृत्यु हुई.

68 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में

वर्ष 2022 में 10 हजार 898 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 7318 अर्थात करीब 68 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं. इसकी वजह यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में एनएच और एसएच पर शहरों की अपेक्षा अधिक खुला मिलता है, जिससे लोग वाहन तेज चलाते हैं. साथ ही यातायात नियमों को लेकर भी शहरों की तुलना में अधिक लापरवाही बरतते हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 40 प्रतिशत दुर्घटनाएं छह बजे शाम से लेकर छह बजे सुबह तक अर्थात रात्रि में हुई हैं.

केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग के मानक के अनुसार राज्य में वर्ष 2021 में 288 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किये गये थे. इनमें 213 एनएच पर हैं. वर्ष 2022 का आंकड़ा अभी तैयार किया जा रहा है. अत्यधिक दुर्घटना होने वाले जगहों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है. इन जगहों पर सड़क सुरक्षा के विशेष उपाय किये जाते हैं, जिनमें स्ट्रीट लाइट, साइनेज, सघन जांच अभियान, आरओबी व रोड अंडरपास निर्माण आदि कार्य किये जाते हैं.

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