Darbhanga: स्कूल भवन निर्माण में राशि की हेराफेरी
शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कनीय अभियंता द्वारा खुले तौर पर किया गया
दरभंगा: कोचस प्रखंड की शिक्षा विभाग एक बार फिर विद्यालय भवनों की मरम्मती और प्राक्कलन में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए की राशि गबन करने के मामले में चर्चा में आई है. इसका खुलासा तब हुआ जब तीन लाख की प्राक्कलन को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया गया. यह काम शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कनीय अभियंता द्वारा खुले तौर पर किया गया है.
एक संवेदक ने बताया कि कोचस प्रखंड की 143 प्राथमिक व मध्य विद्यालय भवनों की मरम्मती के लिए विभाग द्वारा बिना टेंडर व रजिस्ट्रेशन के कार्यादेश दिया गया. विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत पांच लाख रुपए की राशि से नीचे कार्य होने पर उसे बिना टेंडर किया जा सकता है. इसके तहत मध्य को 4.95 लाख और प्राथमिक विद्यालयों को 3.95 लाख प्राक्कलित राशि आवंटित की गई. इसे लेकर चाहरदीवारी, किचन शेड, यूरिनल, पीसीसी ढलाई आदि कार्यों के लिए एचएम से सहमति पत्र लिया गया. जबकि विगत चार वर्षों पूर्व एचएम द्वारा निर्माण कराए गए चाहरदीवारी व किचन शेड जर्जर स्थिति में लूट की व्यथा कह रहे थे. जिसे छिपाने के लिए प्रधानाध्यापकों ने मरम्मती करने की सहमति पत्र दे दी. पत्र के आलोक में कनीय अभियंता द्वारा प्राक्कलित राशि तीन लाख से 15 लाख रुपए तक बढ़ा दी गई. इस कार्य के लिए जेई ने बतौर कमीशन लगभग पांच करोड़ रुपए वसूले थे.
अनदेखी वरीय शिक्षक को नहीं मिला प्रभार: शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में वरीय शिक्षकों को प्रभार देने के आदेश हवा-हवाई है. आदेश निर्गत होने के बाद भी प्रखंड के कई स्कूलों में वरीय शिक्षक के रहते कनीय शिक्षक प्रधानाध्यापक की कुर्सी पर काबिज हैं. जिससे विद्यालयों में विवाद की स्थिति बनी रहती है. वरीय अधिकारियों के आदेश को भी कनीय शिक्षक नजरअंदाज कर रहे हैं.
ताजा मामला प्रखंड के मध्य विद्यालय कड़सर का है. जहां वरीय शिक्षक के रहते कनीय शिक्षिका प्रधानाध्यापक पद पर काबिज हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक माह पूर्व जून को आदेश जारी कर प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंजू सिंह को वरीय शिक्षक लोकेश कुमार त्रिपाठी को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया था. बावजूद, डीईओ के आदेश को दरकिनार कर प्रधानाध्यापिका अभी तक पद पर काबिज है. इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंजू सिंह ने बताया कि पारिवारिक उलझन के चलते प्रभार का आदान-प्रदान नहीं हुआ है. अगले सप्ताह प्रभार दे दिया जाएगा.