चंदवारा में चल रहा था साइबर फ्रॉड का ऑफिस, पाकिस्तान से निकला कनेक्शन
मुजफ्फरपुर नगर थाने की पुलिस टीम ने छापेमारी की
गया: पुत्र की गैंगरेप में गिरफ्तारी का झांसा देकर ठगी करने वाले साइबर शातिरों का कार्यालय शहर के चंदवारा मोहल्ला में चल रहा था. मोबाइल सर्विलांस और बैंक खाता में मंगाए गए रुपये के आधार पर नालंदा साइबर थाने और मुजफ्फरपुर नगर थाने की पुलिस टीम ने छापेमारी की. गिरोह के दो शातिरों को पुलिस ने कमरा चंदवारा से गिरफ्तार किया है. उनके पास से यूपीआई एकाउंट से जुड़े मोबाइल व सिम बरामद किए गए हैं.
गिरफ्तार दोनों अपराधियों का पाकिस्तान के शातिरों से जुड़ाव की पुलिस को आशंका है. प्रारंभिक पूछताछ के बाद दोनों को नालंदा पुलिस अपने साथ ले गई है. नगर थानेदार विजय कुमार सिंह ने बताया कि नालंदा साइबर थाना से आए इंस्पेक्टर लक्ष्मी दूबे ने केस का डिटेल देकर छापेमारी का आग्रह किया था. इसके आधार पर चंदवारा मोहल्ला में छापेमारी की गई. जहां से मो. इस्माइल के पुत्र अरबाज मंसूरी और मो. अफजाल हुसैन के पुत्र सैयद मोहम्मद हुसैन को गिरफ्तार किया गया है.
नालंदा से आए इंस्पेक्टर लक्ष्मी दूबे ने नगर थाने में प्रतिवेदन दिया है. उन्होंने बताया है कि नालंदा के चंडी थाना के डिहरी इलाके के व्यवसायी अजय कुमार ने 13 मार्च को एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने कहा था कि 13 मार्च को उनके मोबाइल पर पाकिस्तान के नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई. इसे रिसीव करते ही कहा गया कि आपके बच्चे को दिल्ली पुलिस के द्वारा पकड़ा गया है. उसकी खूब पिटाई हो रही है. इसके बाद उसने किसी से बात कराई जो रोते हुए बात कर रहा था. वह बच्चा बोला मेरी बहुत पिटाई हुई है. इसके बाद कॉल करने वाले ने कहा कि 50 हजार रुपये भेज दो नहीं तो तुम्हारे बेटे को जेल भेजकर सजा दिलवाउंगा. अजय ने बताया कि उनका पुत्र दिल्ली में रहकर पढ़ता है. वह इस कॉल के बाद नर्भस हो गए और साइबर शातिरों के द्वारा दिए गए यूपीआई नंबर पर 15 हजार रुपये भेज दिया. अजय ने आग्रह किया कि अभी इतनी ही राशि है, मेरे बच्चे को छोड़ दो. इसके बाद कॉल कट गई. पांच मिनट बाद अजय ने अपने पुत्र को कॉल की तो पता चला कि वह तो सकुशल अपने रूम पर ही है.