सीआरएस सुबोमोय मित्रा स्पेशल ट्रेन से पहुंचे वाचस्पति नगर, किया निरीक्षण

50 किमी की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन

Update: 2024-03-26 04:23 GMT

मधुबनी: सात वर्ष के मेगा ब्लॉक के बाद झंझारपुर लौकहा रेलखंड में वाचस्पति नगर रेलवे स्टेशन से लौकहा रेलवे स्टेशन तक सीआरएस का निरीक्षण किया गया. 23 किलोमीटर के पटरी के निरीक्षण के लिए सीआरएस सुबोमोय मित्रा स्पेशल ट्रेन से वाचस्पति नगर रेलवे स्टेशन पहुंचे.

स्टेशन पहुंचने के साथ ही वे सबसे पहले पैनल रूम गए. स्टेशन के मैप को देखा एवं स्टेशन के परिसर का जायजा लिया. स्टेशन अधीक्षक और अन्य टेक्निकल व्यक्तियों से संरक्षण संबंधी पहलुओं की जानकारी ली. पैनल रूम की जांच की. कुछ निर्देश दिए. पैनल रूम से निकलने के बाद वे रेल पटरी पर पहुंचे. स्थानीय पंडित के पूजन के बाद वैदिक मंत्र के बीच नारियल फोड़ कर एवं फीता काटकर पटरी के निरीक्षण कार्य का उद्घाटन किया. फिर ट्रॉली पर बैठकर 23 किमी. की लंबी दूरी के पटरी के एक-एक बिंदुओं पर जांच करने के लिए निकल पड़े. उनके साथ डीआरएम विनय श्रीवास्तव व अन्य अधिकारी मौजूद थे. देर शाम निरीक्षण के बाद पहले से ही खड़ी ट्रेन 50 किमी की स्पीड से चलाई गई. पहले वाचस्पति नगर से ट्रेन खुलकर लौकहा तक पहुंची और लौकहा में अधिकारियों को बैठा कर पूरी स्पीड से वाचस्पति नगर तक पहुंची है. डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि सीआरएस का निरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद जल्द ही ट्रेन परिचालन शुरू होगी.

23 किमी में कई पुल-पुलिया: वाचस्पति नगर से लौकहा तक के 23 किलोमीटर की दूरी में 37 छोटे बड़े पुल पुलिया मौजूद हैं. तीन बड़ी पुलिया है. 10 समपार है. इसके अलावा 19 अंडर पास भी बनाए गए हैं. सीआरएस सभी अंडरपास पर उतर कर बड़ी-बारीकी से निरीक्षण कर रहे थे. पुल पुलियों पर भी वह इंजीनियरिंग टीम के साथ गहराई से निरीक्षण करते दिखे. इस रेलखंड में अमान परिवर्तन के बाद 64 छोटे पुल, सात बड़े पुल बनाए गए हैं. सीआरएस निरीक्षण के बाद इस रेल खंड में एक बार फिर लोग ट्रेन का सफर करेंगे. नेपाल बॉर्डर के पास तक ट्रेन चलने से व्यापार बढ़ेगा.

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