भाकपा माले का सीएए लागू करने के विरोध में प्रदर्शन

भाकपा माले के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर पार्टी की कार्यकर्ताओं ने विरोध किया

Update: 2024-03-26 06:23 GMT

गया: सीएए लागू करने के खिलाफ भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने शहर में जोरदार विरोध किया. भाकपा माले के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर पार्टी की कार्यकर्ताओं ने यह विरोध किया. भाकपा माले के नगर प्रभारी तारीक अनवर ने कहा कि यह असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून लागू है. हम इसका जोरदार विरोध करते हैं.

धर्म के नाम पर राजनीति समाहरणालय स्थित दिग्घी तालाब पार्क से निकला जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचा जहां सभा किया गया. का नेतृत्व माले नेता तारिक अनवर, रीता वर्णवाल, सुदामा राम, मो. शेरजहां, शिशुपाल कुमार और पारो देवी कर रहे थे.

टावर चौक पर सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले नगर प्रभारी तारिक अनवर ने कहा कि चुनावी फायदा के लिए भाजपा सरकार फूट डालो राज करो की नीति पर चल रही है. धर्म को नागरिकता का आधार बनाना संविधान विरोधी कदम है. संविधान के नागरिकता वाले भाग में धर्म कहीं शामिल नहीं है. हम सभी धर्म के सताए हुए लोगों को नागरिकता देने की मांग करते हैं.

तारिक अनवर ने कहा कि दिसम्बर 19 में पास किये गये भेदभावकारी और विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून को 24 चुनाव से ठीक पहले लागू करना एक राजनीतिक साजिश का संकेत है. खुद अमित शाह ने सीएए की ह्यक्रोनोलॉजीह्ण समझाते हुए कहा था कि इस कानून को लागू करने के बाद एनआरसी, एनपीआर को देशव्यापी स्तर पर लाया जायेगा जिसके माध्यम से दस्तावेज न दिखा पाने वाले नागरिकों को नागरिकता के अधिकार से वंचित कर दिया जायेगा.

वही पार्टी जिला कमेटी सदस्य रीता वर्णवाल ने कहा कि सीएए नागरिकों को धर्म के आधार पर बांटने के मकसद से लाया गया है. विरोध में शंभू राम, मालो देवी, मो. साकिब, दिनेश मांझी, कामता प्रसाद बिंद, बरती चौधरी, अरशद आलम, रामचंद्र मांझी, सत्येंद्र दास, संजय मांझी, पिंकी देवी, लक्ष्मीनियां देवी, तेतरी देवी, रमजान मंसूरी, बबिता कुमारी, बबली देवी व गुड़िया देवी समेत दर्जनों लोग शामिल थे.

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